Himachal Flood: बता दें कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
Himachal Pradesh Weather: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हाल ही में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने कई परिवारों को तबाह कर दिया. इसी त्रासदी में एक दर्दनाक कहानी सामने आई है 11 महीने की मासूम निकिता की, जिसने अपनी आंखों के सामने अपना पूरा परिवार खो दिया. इस दर्दनाक हादसे में निकिता की जान तो बच गई, लेकिन मां-बाप और परिवार के अन्य सदस्य इस बाढ़ में बह गए.
कब हुआ था हादसा
घटना सोमवार देर रात की है, जब इलाके में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ ने कई घरों को तबाह कर दिया. निकिता उस समय अपने घर के भीतर सो रही थी, जबकि उसके माता-पिता और अन्य सदस्य बाहर पानी का रास्ता मोड़ने की कोशिश में लगे थे. उन्हें अंदाजा नहीं था कि ऊपर से मौत बनकर पानी आने वाला है. तीनों पानी के बहाव में बह गए. बाद में पड़ोसियों ने बच्ची को अकेले कमरे में सुरक्षित पाया और उसे सुरक्षित जगह पहुंचाया.
लापता हैं मां की लाश
बच्ची के पिता रमेश कुमार की लाश हादसे के कुछ घंटों बाद मिल गई, लेकिन उसकी मां राधा देवी और ताई पूर्णा देवी अब भी लापता हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
इन लोगों के साथ है मासूम
निकिता फिलहाल अपने ताऊ, बुआ और चाची के साथ है, जो खुद भी हादसे से बुरी तरह टूटे हुए हैं. लेकिन उन्होंने साफ कहा है कि वे निकिता को किसी को गोद नहीं देंगे और खुद ही उसे पालेंगे. वे चाहते हैं कि सरकार और समाज उनके साथ खड़ा हो, ताकि इस बच्ची का भविष्य सुरक्षित बनाया जा सके.
ये है उनका मकसद
निकिता के परिवार के अनुसार, कई लोग बच्ची को गोद लेने के लिए संपर्क कर चुके हैं, लेकिन उनका कहना है कि वे केवल मदद चाहते हैं, बच्ची को नहीं देना चाहते. उनका एक ही मकसद है कि निकिता का अच्छा पालन-पोषण और उज्जवल भविष्य बन सके. हिमाचल की इस त्रासदी में यह कहानी सिर्फ एक बच्ची की नहीं, बल्कि उन सैकड़ों परिवारों की है जो हर साल प्राकृतिक आपदा का शिकार होते हैं.
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