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विकास दूबे मामले में मानवाधिकार आयोग को शिकायत, की गई UP पुलिस की भूमिका की जांच की मांग

एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से विकास दूबे मामले में पुलिस द्वारा की गई तमाम गैरकानूनी कार्यों की जांच की मांग की है.

Updated on: 10 Jul 2020, 01:26 PM

लखनऊ:

विकास दूबे (Vikas Dubey) मामले में पुलिस की कार्रवाई को लेकर मानवाधिकार आयोग को शिकायत की गई है. एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से विकास दूबे मामले में पुलिस द्वारा की गई तमाम गैरकानूनी कार्यों की जांच की मांग की है. अपनी शिकायत में नूतन ने कहा है कि विकास दूबे का कृत्य अत्यंत जघन्य था, किन्तु जिस प्रकार से पुलिस ने इसके बाद गैरकानूनी कार्य किए हैं, वह भी अत्यंत निंदनीय है.

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डॉ नूतन ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा, 'आरोप हैं कि विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय तथा अतुल दूबे को गांव में मारा गया, जबकि वे कथित रूप से घटना में शरीक नहीं होने के कारण गांव में मौजूद थे. इसी प्रकार उसके सहयोगी प्रभात मिश्रा तथा प्रवीण दूबे एवं अब स्वयं विकास को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मारा जाना किसी को स्वीकार नहीं हो रहा है.' उन्होंने कहा कि पुलिस की कहानी में कई जाहिरा खामियां हैं. ऐसे ही जैसे विकास का घर बिना आदेश के गिराया गया अथवा उसकी पत्नी व बच्चे से बर्ताव किया गया, वह अवैधानिक व अनुचित था.

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इसके अलावा नूतन ने लिखा, 'विकास दूबे के आपराधिक सहयोगी अमर दूबे को हमीरपुर में मारा गया, जिसे पुलिस ने एनकाउंटर बताया. फरीदाबाद में गिरफ्तार हुए विकास के दो आपराधिक सहयोगी प्रभात मिश्रा तथा प्रवीण दूबे को इटावा में पुलिस कस्टडी से भागता हुआ बता कर मार डाला गया. विकास दूबे की पत्नी तथा बच्चे को गिरफ्तार किया गया तथा पुलिस द्वारा उनके साथ अमानवीय तथा अनुचित आचरण/व्यवहार किया गया.' एक्टिविस्ट नूतन ने आगे कहा, 'उज्जैन में सरेंडर किए विकास दूबे को प्रभात मिश्रा तथा प्रवीण दूबे की ही तरह कानपुर में पुलिस कस्टडी में मार दिया गया.'

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नूतन ने इन आरोपों की जांच की मांग की है. उन्होंने कहा, 'मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैं किसी भी प्रकार से इन अपराधियों तथा उनके आपराधिक कृत्यों की समर्थक नहीं हूं. मैं पेशे से अधिवक्ता एवं सोशल एक्टिविस्ट हूं. साथ ही मेरे पति यूपी में एक आईपीएस अफसर हैं. इस रूप में मैं भी पुलिस परिवार की सदस्य हूं तथा इस कारण मैं दिवंगत पुलिसकर्मियों के प्रति पूर्ण श्रद्धा, सहानुभूति एवं समर्पण रखती हूं.'

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