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पाकिस्तान में चीन ने बनाए एयरपोर्ट और बंकर, कहीं भारत की घेराबंदी करने की साजिश तो नहीं? जानिए यहां

चीन अब पाकिस्तान के रास्ते भारत की घेराबंदी कर रहा है. पाकिस्तान की भारत से लगती सीमा पर भारी संख्या में चीनी सैनिकों की मौजूदगी बढ़ती जा रही है.

Updated on: 26 Jun 2020, 03:45 PM

नई दिल्ली:

चीन (China) अब पाकिस्तान के रास्ते भारत की घेराबंदी कर रहा है. पाकिस्तान की भारत से लगती सीमा पर भारी संख्या में चीनी सैनिकों की मौजूदगी बढ़ती जा रही है. चीन भारत (India) से लगती कश्मीर से गुजरात की सीमा पर एयरपोर्ट का जाल बिछा रहा है. चीनी सैनिकों के लिए भारतीय सीमा के पास दो एयरपोर्ट बन चुके हैं, जबकि दो और एयरपोर्ट बन रहे हैं. चीन भारतीय सीमा के पास पाकिस्तान (Pakistan) को बंकर बनाने में भी मदद कर रहा है. दरअसल चीन पाकिस्तान की तरफ भारतीय सीमा के पास हजारों करोड़ का निवेश कर चुका है, जिसकी सुरक्षा के लिए चीनी आर्मी भी सक्रिय है.

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राजस्थान से लगती 1025 किलोमीटर की सीमा पर चीन की 30 से ज्यादा कंपनियां तेल और गैस की खोज के अलावा कंस्ट्रक्शन के कामों में लगी हैं. भारत से लगती पाकिस्तान की सीमा पर चीन की बड़ी कंपनियों का कब्जा है. इन कंपनियों में चीन की बड़ी सरकारी चाइना नेशनल इंजीनियरिंग कंपनी, चाइना जीएस भी शामिल हैं. चीन थार के रेगिस्तान में अपना सबसे बड़ा तेल और गैस का प्रोजेक्ट चला रहा है. यहां तक कि चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का एक हिस्सा बॉर्डर के इलाके से ही गुजरता है, जिस पर चीन करीब 100 बिलियन डॉलर खर्च कर रहा है.

जैसलमेर के तनोट लोंगेवाला क्षेत्र से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के सामने सीमा पार भारतीय सीमा से महज 7-8 किलोमीटर अंदर पाकिस्तान के घोटकी और रहमियार खान जिले में चीन को जबरदस्त तेल के भंडार मिले हैं, जहां चीनी कंपनी की मदद से भारी मात्रा में तेल का उत्पादन किया जा रहा है. इस क्षेत्र में 2500 चीनी विशेषज्ञ तेल के उत्पादन में लगे हुए हैं.

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उच्च आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जैसलमेर के लोंगेवाला क्षेत्र से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के सामने पाकिस्तानी क्षेत्र में पाकिस्तानी ऑयल कंपनी चीनी तेल कंपनी की मदद से सीमा से 8 से 10 किलोमीटर के दायरे में तेल के भंडारों को खोजकर उत्पादन कर रही है. इन इलाकों में चीन की गतिविधियां साफ नजर आती हैं. इन 4 अहम बातों पर को भी जानिए

  1. राजस्थान की जैसलमेर के घोटारु सीमा के ठीक सामने 25 किलोमीटर की दूरी पर कदनवाली के खेरपुर में एयरबेस तैयार हो चुका है. यहां पर चीनी सैनिकों की मौजूदगी कुछ महीनों में बढ़ी है. बड़ी बात है कि पाकिस्तान ने इस एयरबेस पर मिग-21 के समकक्ष चीन से मिले चेनगुड जे-7 फाइटर विमान, जे.एफ-17 फाइटर विमान, वाई-8 रडार और कई अत्याधुनिक संसाधन उतरते रहते हैं.
  2. इसी तरह बाड़मेर में मुनाबाव के सामने थारपारकर में भी चीनी सैनिक एयरपोर्ट बना रहे हैं. इसकी दूरी भी भारतीय सीमा से करीब 25 किमी. है. यह एयरपोर्ट फिलहाल बन रहा है.
  3. चीनी सैनिक केवल राजस्थान सीमा पर ही नहीं बल्कि गुजरात से लगती सीमा पर भी एयरपोर्ट तैयार कर रहे हैं. गुजरात के सीमा के सामने 20 किमी. दूर मिठी में एक एयरपोर्ट बन रहा है.
  4. इसी तरह चीन-पाकिस्तान कॉरिडोर के नाम पर रेल पटरियां बिछाने की योजना है. जिस पर काम चल रहा है. हालांकि पाकिस्तान का कहना है कि चीन की मदद से बने इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल चीन की तेल और गैस निकालने वाली कंपनिया करेंगी क्योंकि करांची एयरपोर्ट से इन्हें यहां तक पहुंचने में दिक्कतें आती थीं. लेकिन ये पाकिस्तान और चीन की चाल भी हो सकती है जिस पर कड़ी नजर रखनी होगी.

खूफिया जानकारी के अनुसार जैसलमेर के सामने पाकिस्तान के पीरकमाल और चोलिस्तान में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक देखे जाते रहे हैं. जो कि भारत के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं. वर्षों से वीरान पड़े रेगिस्तान में चीन की दिलचस्पी और सामरिक ठिकानों को बनाने की ये कोशिश भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए हैरान करने वाली है. ये भी जानकारी मिली है कि कराची, जकोकाबाद, क्वेटा, रावलपिंडी, सरगोडा, पेशावर, मेननवाली और रिशालपुर जैसे एयरबेस को चीनी सैनिक अत्याधुनिक बना रहे हैं.

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चीन केवल सामरिक ठिकाने ही नहीं तैयार कर रहा है बल्कि वह बीकानेर से लेकर गुजरात की सीमा पर पाकिस्तान को पक्के बंकर बनाने में भी मदद कर रहा है. रेत के टीलों में पक्के बंकर का निर्माण भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए कान खड़े करने वाले हैं.

अब तक 350 से ज्यादा बंकर चीनी मदद से पाकिस्तान तैयार कर चुका है. इन बंकरों को झाड़ियों के नीचे छुपाकर बनाया जा रहा है. इन बंकरों को बनाने में ऐसे पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे ये साफ-साफ नहीं दिखें. पाकिस्तान चीन की मदद से केवल बंकर ही नहीं बल्कि इन इलाकों में डिफेंस कैनाल, स्वांप्स और रोड नेटवर्क जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर भी बना रहा है. पाकिस्तान के गब्बार और चावलिस्तान सेक्टर में नए बीओपी का निर्माण काफी तेजी से हो रहा है.

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