छठ महापर्व पर कोरोना संकट, इन राज्यों में सार्वजनिक आयोजन पर लगी रोक
छत्तीसगढ़ में इस वर्ष छठ महापर्व कोविड-19 के गाइडलाइन के तहत मनाया जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान रखते हुए प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से छठ पूजा मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
नई दिल्ली:
झारखंड सरकार ने रविवार देर रात दिशानिर्देश जारी कर कोविड-19 महमारी के चलते पूरे राज्य में नदियों, तालाबों एवं अन्य जल स्रोतों के तट पर आयोजित होने वाली पवित्र छठ पूजा और पूजा के अवसर पर संगीत कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा दी है. मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता वाली राज्य आपदा प्रबंधन समिति ने आज देर रात्रि जारी नये दिशा निर्देशों में इस आशय की जानकारी दी.
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देर रात्रि जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है कि राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरती जा रही है और छठ पर्व में चूंकि सभी लोग बड़ी संख्या में आसपास की नदी, तालाब एवं अन्य जल स्रोतों पर एकत्रित होते हैं और जल में सूर्योदय तथा सूर्यास्त पर स्नान करते हैं लिहाजा इससे लोगों में कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने की आशंका रहेगी. अधिसूचना में कहा गया है कि पानी के माध्यम से संक्रमण फैलने की आशंका के चलते ही राज्य में अब तक स्वीमिंग पूल नहीं खोले गये हैं.
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छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक रूप छठ महापर्व मनाने पर रोक
छत्तीसगढ़ में इस वर्ष छठ महापर्व कोविड-19 के गाइडलाइन के तहत मनाया जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान रखते हुए प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से छठ पूजा मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही श्रद्धालुओं से यह अपील की है कि वो अपने घरों में घाट स्थापित कर छठ माता की पूजा करें. दिवाली के छह दिन बाद मनाए जाने वाले महापर्व छठ के दौरान भीड़ न उमड़े इसको देखते हुए प्रशासन ने इसे सार्वजनिक रूप से मनाने पर रोक लगाई है.
सरगुजा में भी श्रद्धालु छठ पर्व को हर्षोल्लास और पूरी श्रद्धा से मनाते हैं. लेकिन कोविड-19 को देखते हुए इस वर्ष यहां घाटों पर छठ पर्व की रौनक देखने को नहीं मिलेगी. प्रशासन ने छठ समितियों के अध्यक्षों की बैठक बुलाकर अहम निर्णय लिया है. कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना के गाइडलाइन का पालन करते हुए इस वर्ष घाटों पर छठ पूजा का आयोजन नहीं किया जाएगा. कोरोना काल में श्रद्धालु अपने घरों में ही घाट स्थापित कर सूर्य देव को अर्ध्य देंगे. प्रशासन के इस फैसले का ज्यादातर छठ समितियों ने समर्थन किया है, और कोरोना के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए वृहद रूप से घाटों का निर्माण कर सार्वजनिक रूप से छठ पूजा नहीं मनाने का फैसला लिया है.
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दिल्ली में भी सार्वजनिक रूप से छठ महापर्व पर रोक
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने छठ पूजा के सार्वजनिक आयोजन पर रोक लगा दी है. पूर्व सांसद महाबल मिश्रा ने कहा कि उनकी मांग सिर्फ इतनी है कि यह पर्व रोका नहीं जा सकता. हर हाल में इसका आयोजन होगा, इसलिए केंद्र और दिल्ली सरकार बाकी आयोजन की तरह छठ पूजा के लिए भी एक गाइडलाइन जारी करे. उसके तहत लोग पर्व मनाएंगे, लेकिन यह नहीं हो सकता है कि यह पर्व नहीं मनाया जाए. उन्होंने कहा कि सोमवार को सभी एलजी के पास जाएंगे, अपनी मांग रखेंगे. अगर मांग नहीं मानी गई तो वहीं भूख हड़ताल शुरू कर देंगे.
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