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पूर्व सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच Photograph: (X/@IndianGems_)
Madhabi Puri Buch News: सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चीफ रहीं माधवी पुरी बुच की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मुंबई की एक कोर्ट ने रविवार को एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) को माधवी पुरी बुच समेत 6 लोगों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इन लोगों पर शेयर बाजार में कथित धोखाधड़ी और नियामक उल्लंघन के आरोप के चलते केस दर्ज करने का आदेश दिया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है.
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28 Feb को खत्म हुआ था बुच का कार्यकाल
सेबी प्रमुख के रूप में माधवी पुरी बुच का कार्यकाल 28 फरवरी 2025 को खत्म हुआ था. उन्होंने 2 मार्च 2022 में सेबी की अध्यक्षता संभाली थी. इस तरह माधवी पुरी बुच तीन साल तक इस पद पर रहीं. अब सेबी की कमान तुहिन कांत पांडे को दी गई है. पांडे को तीन साल के लिए सेबी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. बता दें कि सेबी शेयर बाजार को रेगुलेट करता है. यह उसके निवेशकों के हितों की रक्षा करता है. ऐसे में सेबी अध्यक्ष की भूमिका काफी अहम हो जाती है.
Mumbai court orders FIR against ex-Sebi chief Madhabi Puri Buch, 5 others over alleged stock market fraud, regulatory violations
— Press Trust of India (@PTI_News) March 2, 2025
माधवी पुरी बुच का क्या है पूरा मामला?
बतौर सेबी चेयरपर्सन के रूप में माधवी पुरी बुच की यही भूमिका विवादों में घिर गई. अगर बात की जाए तो उनका कार्यकाल कई नियामक चुनौतियों और विवाद में घिरा रहा. माधवी पुरी बुच पर शेयर बाजार में कथित धोखाधड़ी और नियामक उल्लंघन के आरोप गंभीर आरोप लगे. बीते साल अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह से जुड़े ऑफशोर फंड में उनके कथित निवेश और सेबी के आचार संहिता के उल्लंघन पर सवाल उठाए थे.
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