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Justice BR Gavai
जस्टिस बीआर गवई भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश हो सकते हैं. भारत के वर्तमान चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने बुधवार को केंद्रीय कानून मंत्रालय को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर जस्टिस गवई का नाम आगे बढ़ाया है. अगर केंद्र ने उनके सुझाव को मान लिया तो जस्टिस गवई 14 मई 2025 को देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे. 13 मई को सीजेआई खन्ना रिटायर हो जाएंगे. जस्टिस गवई को अनुसूचित जाति से दूसरा सीजेआई बनने का गौरव मिलेगा.
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अनुसुचित जाति के दूसरे मुख्य न्यायधीश होंगे जस्टिस गवई
जस्टिस गवई अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले दूसरे मुख्य न्यायाधीश हो सकते हैं. इनसे पहले, जस्टिस केजी बालाकृष्णन को ये सम्मान मिला था. जस्टिस बालाकृष्णन 2007 से 2010 तक देश के सीजेआई रहे थे. बता दें, जस्टिस गवई का कार्यकाल काफी छोटा होने वाला है. नवंबर 2025 में जस्टिस गवई रिटायर हो जाएंगे. यानी करीब छह माह तक वे भारत के मुख्य न्यायाधीश रहेंगे.
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अमरावती से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर
जस्टिस गवई का नाता महाराष्ट्र के अमरावती से जुड़ा हुआ है. जस्टिस ने 1985 में अपने करियर की शुरुआत 1985 में वकालत से की थी. महाराष्ट्र के पूर्व एडवोकेट जनरल और बाद में उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश रहे बैरिस्टर राजा भोंसले के साथ काम किया था. इसके बाद जस्टिस गवई ने खुद को एक निष्पक्ष और सशक्त न्यायिक अधिकारी के रूप में स्थापित किया.
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सुप्रीम कोर्ट में सुने कई अहम फैसले
जस्टिस गवई ने सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान कई अहम फैसले की सुनवाई की. वे न्यायिक क्षेत्र में अपनी संवेदनशीलता, गहन कानूनी समझ और निष्पक्षता के लिए पहचाने जाते हैं.
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