New Update
/newsnation/media/media_files/2024/12/18/7z0aZDV3rE5aIHTJ3fAW.jpg)
भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत (Social Media)
Advertisment
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत (Social Media)
Indian Navy: केंद्र सरकार देश की तीनों सेनाओं, नौसेना, वायु सेना और थल सेना की ताकत में इजाफा कर रही है. इसी कड़ी में अब नौसेना की ताकत में भी बढ़ोतरी होने वाली है. दरअसल, कोच्चि स्थित कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) भारतीय नौसेना के लिए नेक्स्ट जेनरेशन मिसाइल वेसल्स (NGVM) का निर्माण कर रहा है. इसके लिए बुधवार को सीएसएल ने स्टील कटिंग समारोह का आयोजित किया, जिसे देश के लिए उन्नत हथियार-गहन प्लेटफार्मों के निर्माण में अपने प्रयास का प्रतीक है.
सीएसएल ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा गया कि, जहाज निर्माण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर समारोह, 16 दिसंबर को युद्धपोत ओवरसीइंग टीम (डब्ल्यूओटी) के युद्धपोत उत्पादन अधीक्षक कमोडोर एस पार्थिबन द्वारा आयोजित किया गया था. बता दें कि मार्च 2023 में, सीएसएल ने 9,804 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर भारतीय नौसेना के लिए छह एनजीएमवी के निर्माण और आपूर्ति के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे.
ये भी पढ़ें: R Ashwin: ड्रेसिंग रूम में अश्विन की स्पीच सुनकर भावुक हुए रोहित और कोहली, BCCI ने शेयर किया वीडियो
बताया जा रहा है कि इस अनुबंध के तहत कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड मार्च 2027 में भारतीय नौसेना को पहला जहाज उपलब्ध कराएगी. इसके बाद पांच अन्य जहाजों को इसके अगले सालों में डिलीवर किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: One Nation One Election Bill के लिए JPC गठित, अनुराग ठाकुर-प्रियंका गांधी समेत ये 31 सदस्य शामिल
बता दें कि ये कोचीन शिपयार्ड में बनाए जा रहे ये जहाज उच्च गति वाले जहाजों के रूप में डिजाइन किए गए, एनजीएमवी उन्नत हथियारों और सेंसरों की एक श्रृंखला से लैस होंगे, जिनमें सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली और वायु निगरानी और अग्नि नियंत्रण रडार शामिल होंगे.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि, "एनजीएमवी की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारिक जहाजों और भूमि लक्ष्यों के खिलाफ आक्रामक क्षमताएं प्रदान करना होगी. वे समुद्री हमले और सतह-विरोधी युद्ध अभियानों का समर्थन करेंगे, जबकि चोक बिंदुओं पर समुद्र से इनकार करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में काम करेंगे."
ये भी पढ़ें: Mumbai Boat Accident: नौसेना के जहाज ने कैसे मारी यात्री नाव को टक्कर? हादसे का Video देख हिल जाएंगे आप!
यही नहीं जहाजों की रक्षात्मक भूमिकाएं भी होंगी, जिनमें स्थानीय नौसैनिक रक्षा और अपतटीय विकास क्षेत्रों की सुरक्षा शामिल है. इनमें अत्याधुनिक एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणालियां, प्रणोदन और सहायक मशीनरी, बिजली उत्पादन प्रणालियां और क्षति नियंत्रण उपकरण शामिल होंगे.