Supreme Court Decision on Coconut Oil: नारियल तेल को लेकर एक पहली 20 वर्षों से उलझी हुई थी. विवाद इस बात को लेकर था कि कोकोनट ऑयल बालों का तेल है या फिर खाने का. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मुश्किल पहेली को सुलझा दिया है. इस तरह सर्वोच्च अदालत ने नारियल तेल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी से जुड़े 20 साल पुराने विवाद का निपटारा कर दिया. नारियल तेल को लेकर शीर्ष अदालत के इस फैसले को आपको जरूर जानना चाहिए.
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कोकोनट ऑयल पर SC का बड़ा फैसला
CJI संजीव खन्ना समेत तीन जजों की बेंच ने कोकोनट ऑयल विवाद पर बड़ा ही अहम फैसला सुनाया. SC ने उस सवाल का जवाब दिया कि शुद्ध नारियल तेल खाने का ऑयल है या बालों का तेल. शीर्ष अदालत ने कहा कि ये इस बात पर निर्भर करेगा कि उसे कैसे बेचा जा रहा है. बता दें कि इस बेंच में जस्टिस संजय कुमार और सस्टिस आर महादेवन शामिल थे.
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बेंच ने स्पष्ट किया कि अगर नारियल ऑयल खाद्य तेल के रूप में बेचा जा रहा है, तो उसे खाने का तेल माना जाएगा. उसे बेचने वालों खाद्य सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा. वहीं, अगर नारियल तेल को हेयर ऑयल के रूप में बेचा जाता है, तो उसे बालों का तेल माना जाएगा. इस स्थिति में उसने बेचने वालों को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के नियमों का पालन करना होगा.
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20 वर्षों से चला आ रहा था विवाद
कोकोनट ऑयल से जुड़ा ये विवाद 20 वर्षों से चला आ रहा था, जो उत्पाद शुल्क, जुर्माना और ब्याज को मिलकर तकरीबन 160 करोड़ का था. रेवेन्यू डिपार्टमेंट का तर्क था कि कोरोनट ऑयल को हमेशा हेयर ऑयल के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए. हालांकि, शीर्ष अदालत ने रेवेन्यू डिपार्टमेंट के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ पैकेजिंग के आकार के आधार पर कोकोनट ऑयल को बालों के तेल के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है.
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