WHO अब नए डर के साथ हाजिर, बजाय ढांढस बंधाने के भ्रमित कर रही संस्था

टेड्रॉस ने कहा है कि दुनिया को करोना वायरस के साथ 'जीना सीखना होगा.' संस्था ने चेतावनी दी है कि अगर युवा ये समझ रहे हैं कि उन्हें वायरस से खतरा नहीं तो ऐसा गलत है.

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Nihar Saxena
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दुनियाभर में लगाई जाएगी सीरम की कोरोना वैक्सीन

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा वैक्सीन आने में लगेगा अभी एक साल.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

चीन (China) से कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रचार-प्रसार से लेकर अब तक अगर किसी संस्था ने सबसे ज्यादा भ्रमित किया है तो वह है विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO). तमाम तरह की गाइडलाइंस (Corona Guidelines) जारी करने के बीच यह करें-यह न करें सरीखी नसीहतों ने लोगों को सटीक दिशा दिखाने के बजाय भ्रमित ही ज्यादा किया है. अब संस्था प्रमुख टेड्रॉस अदनॉम गेब्रेयेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने गुरूवार को चेतावनी देते हुए कहा कि फिलहाल कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) बनने में वक़्त लगने वाला है. ऐसे में तब तक दुनिया को इसके साथ जीना सीख लेना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने युवाओं को भी कोविड-19 को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की.

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कोरोना के साथ जीना सीख लें
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रॉस ने कहा है कि दुनिया को करोना वायरस के साथ 'जीना सीखना होगा.' संस्था ने चेतावनी दी है कि अगर युवा ये समझ रहे हैं कि उन्हें वायरस से खतरा नहीं तो ऐसा गलत है. युवाओं की न सिर्फ संक्रमण से मौत हो सकती है बल्कि वे कई कमजोर वर्गों तक इसे फैलाने का काम भी कर रहे हैं. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान टेड्रॉस ने कहा कि 'हम सभी को इस वायरस के साथ रहना सीखना होगा और हमें अपने और दूसरों के जीवन की सुरक्षा करते हुए, जिंदगी जीने के लिए ज़रूरी एहतियात अपनाने की ज़रूरत है.'

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युवा भी कोविड-19 संक्रमण के आसान शिकार
उन्होंने कई देशों में फिर से जारी की गई पाबंदियों की प्रशंसा भी की. टेड्रॉस ने सऊदी अरब की लगाई पाबंदियों का ज़िक्र किया और सऊदी सरकार के क़दमों की तारीफ करते हुए कहा कि इस तरह के कड़े कदम उठा कर सरकार ने उदाहरण पेश किया है कि आज के दौर की बदली हकीकत के साथ तालमेल बैठाने के लिए वो क्या-क्या कर सकते हैं. उन्होंने कहा, 'हम पहले भी चेतावनी दे चुके हैं और फिर कह रहे हैं कि युवा भी कोरोना के कह से अछूते नहीं है, वो भी जोखिम में हैं. युवा भी कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं. वो भी मर सकते हैं और वो भी दूसरों में संक्रमण फैला सकते हैं. इसलिए उन्हे अपनी सुरक्षा के अलावा दूसरों की सुरक्षा के भी उपाय करने चाहिए.'

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पौने दो करोड़ के पास पहुंचे मामले
टेड्रॉस ने कहा कि दुनिया भर के लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा. डव्ल्यूएचओ ने अमेरिका, ब्राजील, भारत, दक्षिण अफ्रीका और कोलंबिया में बिगड़ते हालातों के प्रति भी चिंता जाहिर की है. इस बीच दुनियाभर में नोवल कोरोनो वायरस मामलों की कुल संख्या 1.72 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है. वहीं इससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 671,000 से अधिक हो गई हैं. शुक्रवार की सुबह तक कुल मामलों की संख्या 17,237,642 थी, जबकि इससे होने वाली मौतों की संख्या 671,909 हो गई थी.

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वैक्सीन आने में लगेगा साल भर
ऑक्सफ़ॉर्ड यूनिवर्सिट की बनाई वैक्सीन कितनी कारगर होगी या नहीं इसके बारे में हमें अगले साल ही पता चलेगा. कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पास्कल सोरियो ने कहा है कि 'इस वायरस का व्यवहार बेहद अप्रत्याशित है. ऐसे में इससे बचने के लिए वैक्सीन की एक डोज़ काफी होगी या नहीं ये अभी कहा नहीं जा सकता.' कंपनी ने बताया कि 'हमें उम्मीद है कि वैक्सीन कम से कम 12 महीनों तक प्रभावी रहेगी, हालांकि हमें उम्मीद है कि ये दो साल या फिर उससे अधिक वक्त के लिए भी प्रभावी हो सकती है.' कंपनी का कहना है कि अगर इसका असर केवल एक साल तक के लिए रहा तो फ्लू वैक्सीन की तरह सालाना तौर पर इसका डोज़ दिया जाना ज़रूरी हो जाएगा.

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