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Health Tips: Periods से जुड़े कुछ Shocking Facts, हर Women को जानने चाहिए

लड़कियों के लिए पीरियड्स (periods) किसी बुरे सपने से कम नहीं होते. आज ज्यादातर सभी लड़कियां इस प्रॉब्लम के बारे में जानती है. लेकिन, आज भी इससे संबंधित कुछ ऐसे तथ्य है जो 2016 में की गई एक स्टडी के दौरान सामने आए थे.

Updated on: 20 Dec 2021, 10:52 AM

नई दिल्ली:

लड़कियों के लिए पीरियड्स (shocking facts about periods) किसी बुरे सपने से कम नहीं है. ये तो ज्यादातर लोग जानते है कि पीरियड्स को माहवारी, महीना या मेंस्ट्रुअल साइकिल वगैराह और भी नामों से जाना जाता है. ये लड़कियों के अंदर उनकी बॉडी में हार्मोन में हो रहे बदलावों की वजह से वजाइना से ब्लडलेटिंग की वजह से होता है. जिसे पीरियड्स कहते है. ये तो हो गई कि आखिर पीरियड्स होता क्या है. अगर आज के दौर की बात की जाए तो आज वैसे तो इंडियन लेडीज पीरियड्स को लेकर बहुत अपडेटिड है. लेकिन, वहीं आज भी समाज के किसी न किसी कोने में कुछ ऐसी महिलाएं भी है जिन्हें पीरियड्स (periods facts) के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती.

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आज आपको एक ऐसी स्टडी के बारे में बताते है जो 2016 में van Eijk के द्वारा की गई थी. उस स्टडी (study on periods) का नाम मेन्सट्रुअल हाइजीन मैनेजमेंट अमंग अडोलेसेंट गर्ल्स इन इंडिया: अ सिस्टेमेटिक रिव्यू एंड मेटा-एनालिसिस (Menstrual Hygiene management among adolescent girls in India: a systematic review and meta-analysis) था. इस स्टडी मेंआपको पीरियड्स से रिलेटिड उन चौंका देने वाले तथ्यों के बारे में पता चलेगा जिनसे अभी तक सब अंजान थे. 

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इसमें सबसे पहले नंबर पर ये तथ्य आता है कि 70% इंडियन मदर्स (Indian Mothers on periods) पीरियड्स को 'Dirty' मानती है. 

24% महिलाएं आज भी मेन्सट्रुएशन (shocking facts about menstruation) के टाइम पर अपने फैमिली मेंमबर्स से अलग या दूर बैठती है. 

समाज में 48% ऐसी इंडियन लड़कियां भी है जिन्हें पीरियड्स के बारे में तब तक नहीं पता होता जब तक कि उन्हें खुद पहली बार पीरियड्स ना हो जाए. 

50% भारतीय महिलाएं ऐसी भी है जो मेन्सट्रुएशन के दौरान कपड़ा इस्तेमाल करती है. 

इसमें 50% ऐसी भारतीय महिलाएं है जिनका मानना ये है कि वो मेन्सट्रुएशन के टाइम पर लोगों को या किसी खास पकवान को छू नहीं सकती है. 

इन्हीं में 24% लड़कियां ऐसी है जो मेन्सट्रुएल साइकिल के टाइम पर स्कूल की छुट्टी कर लेती है. 

केवल 45% लड़कियां ऐसी है जो सैनिटरी नैपकिन्स का इस्तेमाल करती है.

इन्हीं में केवल 6% लड़कियां ऐसी होती थी जिनके पास कपड़े (cloth) को मिलाकर किसी और तरह का मेन्सट्रुएल प्रोडक्ट उपलब्ध नहीं होता था. 

77% भारतीय महिलाओं का ये ही मानना है कि वो पीरियड्स के दौरान पूजा नहीं कर सकते. 

45% भारतीय महिलाओं का आज भी पीरियड्स को एबनॉर्मल कंडीशन मानती है.