जीभ सूख रही है... खुजली भी हो रही है... अब ये हैं कोरोना के नए लक्षण
बेंगलुरु के डॉक्टरों को कोरोना मरीजों में इस तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जिसे वे 'कोविड टंग' के नाम से पुकारते हैं.
highlights
- बेंगलुरु के एक हाइपर टेंशन से जूझ रहे शख्स के लक्षण
- जीभ सूख रही थी और उस पर खुजली भी हो रही थी
- नए वेरिएंट अलग-अलग तरह से कर रहा संक्रमित
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस (Corona Virus) के नए वेरिएंट ने इसके लक्षणों को लेकर भी खासा भ्रमित कर दिया है. अब विशेषज्ञ चेता रहे हैं कि अगर किसी की जीभ (Tongue) शुष्क यानी सूखी हो और उसमें खुजली भी हो रही हो, तो उसे यह समझ लेना चाहिए कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुका है. ध्यान देने वाली बात है कि इस प्रकार के लक्षण पाए जाने पर घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि पहले किसी डॉक्टर से सलाह ले लें. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि बेंगलुरु के डॉक्टरों को कोरोना मरीजों में इस तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जिसे वे 'कोविड टंग' के नाम से पुकारते हैं. ऐसे मामलों में रोगी में मुंह सूखने के अलावा कोई दूसरा लक्षण दिखाई नहीं देता.
हाइपर टेंशन के मरीज में मिले लक्षण
बेंगलुरु मिरर के मुताबिक कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ जीबी सत्तूर ने बताया कि उनसे हाइपर टेंशन का एक 55 साल के मरीज ने संपर्क किया और वह हलक सूखने से बेहद परेशान था. बाद में जब जांच कराई गई, तो वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया. डॉ सत्तूर ने बताया कि जब मैंने उस मरीज का ब्लड शुगर लेवल चेक किया तो वह सामान्य था, लेकिन उनका एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन रेट (ईएसआर) काफी बढ़ा हुआ था. मैंने पढ़ा था कि कंजक्टिवाइटिस कोविड के लक्षणों में से एक हो सकता है. उन्हें बुखार नहीं था. उन्होंने कहा कि वह काफी कमजोरी महसूस कर रहे हैं. इसलिए मुझे संदेह हुआ कि यह कोविड का लक्षण तो नहीं है. इसके बाद उन्हें आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने की सलाह दी. टेस्ट कराने के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई. रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही तत्काल उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर वे स्वस्थ हो गए.
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बगैर बुखार आ रही कमजोरी
डॉ सत्तूर ने कहा कि ऐसा ब्रिटेन और ब्राजील जैसे नए वेरिएंट या फिर भारत में पहली बार पाए गए डबल म्यूटेंट के कारण भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की शुरुआत मुख्य रूप से जीभ में जलन, खुजली, एक अजीब तरह के दर्द, जीभ में छाले और बहुत अधिक मुंह सूखने के साथ होती है. ऐसी स्थिति में मरीज को बिना बुखार के ही कमजोरी महसूस होती है. डॉ सत्तूर कहते हैं कि डॉक्टरों को मरीजों द्वारा जीभ से संबंधित शिकायतों पर गंभीरता से नजर बनाए रखनी चाहिए, न कि वे उसे नजरअंदाज कर दें. उन्होंने कहा कि वेरिएंट को समझने के लिए सरकार को जीनोम अनुक्रमण को बढ़ाना चाहिए.
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