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फिरहाद हाकिम की गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी CBI दफ्तर पहुंचीं( Photo Credit : ANI)
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नारदा स्टिंग मामले में सीबीआई के एक्शन के बाद बंगाल में बवाल शुरू हो गया है. सीबीआई ने इस मामले में पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हाकिम को गिरफ्तार कर लिया है.
फिरहाद हाकिम की गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी CBI दफ्तर पहुंचीं( Photo Credit : ANI)
नारदा स्टिंग मामले में सीबीआई के एक्शन के बाद बंगाल में बवाल शुरू हो गया है. सीबीआई ने इस मामले में पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हाकिम को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि एक मंत्री समेत तीन अन्य नेताओं सीबीआई की टीम अपने दफ्तर लेकर गई है. इसके बाद अब टीएमसी की मुखिया और सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सीबीआई दफ्तर पहुंच गई हैं. उधर, इन नेताओं पर एक्शन के बाद बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. आसनसोल में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया.
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टीएमसी के मंत्री फिरहाद हाकिम समेत कुल 4 टीएमसी नेताओं और विधायक के गिरफ्तारी की खबर लगते ही तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. आज आसनसोल शहर के हॉटन रोड इलाके में तृणमूल कांग्रेस कर्मियों ने सड़क के बीच टायर जलाकर और सड़क अवरोध करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. टीएमसी कर्मियों का कहना है कि गलत तरीके से हमारे नेताओं और मंत्रियों को गिरफ्तार किया गया है और हम लोग इसके खिलाफ लगातार आंदोलन करेंगे.
दरअसल, नारदा घोटाले में सीबीआई ने टीएमसी के मंत्रियों समेत 4 नेताओं के घर पर छापेमारी की. जिसके बाद सीबीआई टीम फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, सोवन चटर्जी और मदन मित्रा को लेकर सीबीआई दफ्तर पहुंची. बताया गया कि इन चारों नेताओं को नारदा घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर लाया गया. इस दौरान फिरहाद हकीम ने कहा कि मुझे नारदा घोटाले में गिरफ्तार किया जा रहा है. हालांकि सीबीआई ने गिरफ्तारी के आरोप से इनकार करते हुए कहा कि हमने किसी भी मंत्री या विधायक या किसी नेता को गिरफ्तार नहीं किया है.
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आपको बता दें कि स्टिंग ऑपरेशन टेप 2016 में सामने आया था. बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक किए गए थे. नारद न्यूज के संपादक मैथ्यू सैमुअल द्वारा यह स्टिंग ऑपरेशन किया गया था, जो इसके लिए एक व्यापारी के रूप में सामने आए थे. इस स्टिंग में आईपीएस अधिकारी के साथ ही तृणमूल कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं को कथित तौर पर फायदा पहुंचाने के बदले में नकद रुपये लेते हुए देखा गया था. कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस स्टिंग फुटेज मामले में प्रारंभिक जांच करने के आदेश दिए थे.
इसके एक महीने बाद 17 अप्रैल 2017 को सीबीआई ने मिर्जा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई राज्य मंत्रियों व सांसदों सहित 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. 25 अप्रैल और 27 अप्रैल 2014 को बनाई गई नारदा वीडियो फुटेज का जिक्र करते हुए सीबीआई प्राथमिकी में मिर्जा के बारे में कहा गया कि उन्हें स्टिंग ऑपरेटर से लगभग पांच लाख रुपये की राशि लेते हुए देखा गया है.
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