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नारदा घोटाले में ममता बनर्जी के मंत्री फिरहाद हकीम गिरफ्तार

सीबीआई ने बंगाल के परिवहन मंत्री और कोलकाता नगर निगम के अध्यक्ष फिरहाद हकीम को गिरफ्तार कर लिया है.

Updated on: 17 May 2021, 11:25 AM

highlights

  • नारदा घोटाले में फिरहाद हकीम गिरफ्तार
  • CBI ने मंत्री हकीम को गिरफ्तार किया
  • ममता सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं हकीम

कोलकाता:

नारदा घोटाले में पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस घोटाले में राज्यपाल जगदीप धनखड़ की ओर से जांच को मंजूरी देने के बाद अब केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई एक्शन मोड़ में आ गई है. सीबीआई ने बंगाल के परिवहन मंत्री और कोलकाता नगर निगम के अध्यक्ष फिरहाद हकीम को गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी के घर सीबीआई ने छापेमारी की. साथ ही सीबीआई की टीम इन नेताओं को दफ्तर लेकर पहुंची है, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है.

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जानकारी के अनुसार, सीबीआई टीम फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, सोवन चटर्जी और मदन मित्रा को लेकर सीबीआई दफ्तर पहुंची. बताया गया कि इन चारों नेताओं को नारदा घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर लाया गया. इस दौरान फिरहाद हकीम ने कहा कि मुझे नारदा घोटाले में गिरफ्तार किया जा रहा है. हालांकि सीबीआई ने गिरफ्तारी के आरोप से इनकार करते हुए कहा कि हमने किसी भी मंत्री या विधायक या किसी नेता को गिरफ्तार नहीं किया है.

आपको बता दें कि ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल की शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नारदा घोटाले में टीएमसी के नेताओं और मंत्रियों के खिलाफ केस को हरी झंडी दे दी थी. पिछले दिनों ही सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से नारद स्टिंग मामले में फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी थी. ये सभी उस समय मंत्री थे, जब कथित नारद स्टिंग टेप सामने आया था. चुनाव के तुरंत बाद राज्यपाल ने सीबीआई को इजाजत दे दी थी.

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गौरतलब है कि स्टिंग ऑपरेशन टेप 2016 में सामने आया था. बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक किए गए थे. नारद न्यूज के संपादक मैथ्यू सैमुअल द्वारा यह स्टिंग ऑपरेशन किया गया था, जो इसके लिए एक व्यापारी के रूप में सामने आए थे. इस स्टिंग में आईपीएस अधिकारी के साथ ही तृणमूल कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं को कथित तौर पर फायदा पहुंचाने के बदले में नकद रुपये लेते हुए देखा गया था. कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस स्टिंग फुटेज मामले में प्रारंभिक जांच करने के आदेश दिए थे.

इसके एक महीने बाद 17 अप्रैल 2017 को सीबीआई ने मिर्जा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई राज्य मंत्रियों व सांसदों सहित 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. 25 अप्रैल और 27 अप्रैल 2014 को बनाई गई नारदा वीडियो फुटेज का जिक्र करते हुए सीबीआई प्राथमिकी में मिर्जा के बारे में कहा गया कि उन्हें स्टिंग ऑपरेटर से लगभग पांच लाख रुपये की राशि लेते हुए देखा गया है.