ग्वालियरः प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को टिकट देने के प्रस्ताव पर जानें क्यों खफा हैं दिग्विजय सिंह
ग्वालियर सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया का नाम टिकट के लिए प्रस्तावित होने के बाद कांग्रेस में गुटबाजी देखने को मिल रही है.
ग्वालियर:
ग्वालियर सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया का नाम टिकट के लिए प्रस्तावित होने के बाद कांग्रेस में गुटबाजी देखने को मिल रही है. दिग्विजय सिंह समर्थकों का कहना है कि यह फैसला पूरी कांग्रेस का नहीं केवल सिंधिया समर्थकों का है.ग्वालियर में कांग्रेस कार्यकर्ताओ नें जैसे ही प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को टिकट दिए जाने का प्रस्ताव पास किया वैसे ही दिग्विजय समर्थक इसे एक तरफा फैसला बताने लगे. उनका कहना है की जिले में ज्यादातर पदाधिकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के बनाए हुए हैं और उन्होंने अपने महाराज को खुश करने के लिए प्रियदर्शिनी का नाम रख दिया, उसके बाद कुछ विधायकों और मंत्रियों ने उसका समर्थन कर दिया.
यह भी पढ़ेंः MP: ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी सिंधिया ग्वालियर से लड़ सकती हैं चुनाव
दिग्विजय सिंह का आरोप है कि इस प्रस्ताव के लिए दूसरे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बुलाया तक नहीं गया. साथ ही दिग्विजय समर्थकों का यह भी कहना है कि जैसे ही इंदौर लोकसभा सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम चला वैसे ही उन्होंने आनन-फानन में अपने कार्यकर्ताओं और खास विधायक मंत्रियों के जरिए प्रियदर्शनी के नाम पर प्रस्ताव पास करने के लिए कहा गया. क्योंकि सिंधिया यदि इंदौर चुनाव लड़ने गए तो फिर ग्वालियर या गुना में से एक सीट अपने पास जरूर रखना चाहते हैं.
यह भी पढ़ेंः घायल पत्रकार को देख राहुल गांधी का पसीजा दिल, गाड़ी में बैठाकर अपने रुमाल से पोछा घाव
दरअसल गुना और ग्वालियर दोनों सीटों पर सिंधिया परिवार का प्रभाव रहता है लेकिन ग्वालियर में महज 29000 वोटों से पिछला लोकसभा चुनाव हारे अशोक सिंह इस बार फिर मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं और उनका नाम टिकट की सूची में जीतने वाले उम्मीदवारों में है. कांग्रेस का एक धड़ा उनके विरोध में है. सूत्रों का कहना है कि सिंधिया समर्थक सबसे पहले प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को टिकट दिलवाना चाहते हैं और यदि उनको नहीं मिलता है तो दूसरे उम्मीदवारों पर विचार किया जाना चाहिए.लेकिन अशोक सिंह को टिकट ना मिले ऐसी भूमिका बनाई गई है.
यह भी पढ़ेंः Lok Sabha Election 2019: वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने को लेकर प्रियंका ने दिया बड़ा बयान
अशोक सिंह पिछले 3 लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और तीनों ही चुनाव 25 से 35 हजारों के अंतर से हारे हैं. मोदी लहर में वह महज 29000 वोटों से चुनाव हारे थे जबकि इस बार क्षेत्रीय सांसद नरेंद्र सिंह तोमर जो पिछली बार उनके खिलाफ जीते थे वह ग्वालियर छोड़कर मुरैना चुनाव लड़ने गए हैं. ऐसे में पार्टी कांग्रेस के टिकट के लिए दो घोड़ों में बंट गई है. वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस में पहले से ही गुटबाजी रही है और एक नहीं बल्कि पूरी पार्टी मध्यप्रदेश में कई गुटों में बंटी हुई है ऐसे में यह कोई नई बात नहीं है यहां हमेशा ही टिकट के लिए इसी तरह की खींचतान होती है.
यह भी पढ़ेंः Lok Sabha Election 2019 : कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में एक नजर
कांग्रेस भले ही गुटबाजी से इनकार करे लेकिन हकीकत यह है कि आज भी कई सीटें गुटबाजी की वजह से उलझी हुई है. ग्वालियर में सिंधिया समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आनन-फानन में जिस तरह से प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के सिंगल नाम का प्रस्ताव पास कर टिकट देने की मांग की उससे जाहिर होता है कि टिकट के मजबूत दावेदार दूसरे नेता भी हैं. क्योंकि ग्वालियर में कांग्रेस के ज्यादातर पदाधिकारी सिंधिया समर्थक ही हैं और इसीलिए ग्वालियर की पूरी कांग्रेस एक ही लाइन पर चलती है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी