Lok Sabha Election 2019 : कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में एक नजर
गुना लोकसभा सीट से लगातार 4 बार सांसद चुने गए हैं, कांग्रेस ने उसे आगामी लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है
नई दिल्ली:
ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया का बेटा है. 2002 में पहली बार चुनाव जीतने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया मनमोहन सिंह सरकार में सात साल तक सूचना एवं प्रौद्योगिकी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मंत्री रह चुके हैं. इसके बाद 2012 से 2014 तक वे बिजली मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार मंत्री भी रहे. मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा की 15 साल की सरकार को उखाड़ फेंका था. इस ऐतिहासिक जीत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का महत्वपूर्ण योगदान था. उन्हें लोक सभा चुनाव 2019 के लिए पश्चिमी उत्तर प्रेदश में कांग्रेस का महासचिव बनाया गया है.ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद कांग्रेस में असरदार नेताओं में गिना जाता है. एक समय तो वो राज्य के सीएम पद की रेस में आगे भी चल रहे थे, लेकिन पार्टी ने उनके स्थान पर कमलनाथ को मुख्यमंत्री घोषित किया.
2001 में पिता माधवराव के निधन के बाद 2002 में हुए उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां से लोकसभा चुनाव लड़ा. गुना की जनता ने उन्हें निराश नहीं किया. अपने पहले ही चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जीत हासिल की. इसके बाद गुना की जनता उनको जीताती ही आ रही है. यहां तक कि 2014 में मोदी लहर में जब कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा था तब भी ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां पर जीत हासिल करने में कामयाब हुए थे. गुना लोकसभा सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है.
सन 1957 में गुना लोकसभा सीट पर पहली बार आम चुनाव हुआ था. पहले चुनाव में विजयाराजे सिंधिया ने जीत हासिल की थी. 1971 में विजयाराजे सिंधिया के बेटे माधवराव सिंधिया मैदान में उतरे. पहले ही चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की. माधवराव सिंधिया 1977 के आम चुनाव में एक बार फिर मैदान में उतरे और इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उन्होंने जीत हासिल की. इसके बाद वह 1980 में कांग्रेस के टिकट पर यहां से लड़ते हुए जीत हासिल की. वह लगातार 3 चुनावों में यहां विजयी रहे. 1984 के चुनाव में माधवराव ग्वालियर से लड़े और दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी को हराया. 1989 के चुनाव में यहां से विजयाराजे सिंधिया एक बार फिर लड़ीं और तब के कांग्रेस के सांसद महेंद्र सिंह को शिकस्त दी थी.
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गुना लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. यहां पर शिवपुरी, बमोरी, चंदेरी, पिछोर, गुना, मुंगावली, कोलारस, अशोक नगर विधानसभा सीटें हैं. यहां की 8 विधानसभा सीटों में से 4 पर बीजेपी और 4 पर कांग्रेस का कब्जा है.
ज्योतिरादित्य का जीवन परिचय
ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म 1 जनवरी 1972 को हुआ था. इनके पिता का नाम माधवराव सिंधिया है. माधवराव सिंधिया राजमाता विजयाराजे सिंधिया का बेटा था. राजमाता की एक बेटी राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हैं. वसुंधरा राजे ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ है. उसने अपनी शिक्षा विदेशों से प्राप्त की है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में ग्रैजुएशन और स्टैनफर्ड ग्रैजुएट स्कूल ऑफ बिजनस से एमबीए की पढ़ाई पूरी की. सिंधिया मध्य प्रदेश में गुना लोकसभा सीट से लगातार चार बार सांसद चुने गए.
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