Varanasi में वोट डालने के लिए मतदाताओं को भेजा गया निमंत्रण पत्र
मतदान की तारीख और समय का भी उल्लेख किया गया है जबकि स्थल का उल्लेख 'आपका मतदान केंद्र' के रूप में किया गया है.
highlights
- लोगों को वोट डालने के लिए अनूठी पहल
- मतदाताओं को भेजा गया निमंत्रण पर्व
वाराणसी:
वाराणसी में मतदाताओं को सोमवार को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों से एक विशेष निमंत्रण पत्र भेजा गया है. भारत निर्वाचन आयोग के लोगो के साथ-साथ व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी (स्वीप) के लोगो के साथ यह निमंत्रण पत्र 'आमंत्रण पत्र लोकतंत्र का महापर्व' जिला निर्वाचन कार्यालय वाराणसी द्वारा जारी किया गया है. अमंत्रण पत्र में लिखा है, 'भेज रहे हैं स्नेह निमंत्रण, मतदाता तुम्हें बुलाने को, 7 मार्च को भूल न जाना, वोट डालने आने को'.
मतदान की तारीख और समय का उल्लेख
मतदान की तारीख और समय का भी उल्लेख किया गया है जबकि स्थल का उल्लेख 'आपका मतदान केंद्र' के रूप में किया गया है. जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल राज शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि सोमवार को यह सुनिश्चित करने के लिए कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े इसलिए शाम 4 बजे तक चाय के खोखे और खाने की दुकाने खोलने की अनुमति होगी, लेकिन किसी को भी खाने की दुकानों के अंदर बैठने की अनुमति नहीं होगी.
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54 सीटों पर पड़ रहे हैं वोट
गौरतलब है कि सातवें और अंतिम चरण में पूर्वांचल की कुल 54 विधानसभा सीटों पर सात मार्च को मतदान हो रहा है, जबकि सभी चरणों की मतगणना 10 मार्च को होगी. अंतिम चरण में जिन जिलों में मतदान होना है उनमें आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र हैं. इस चरण में सात मंत्रियों समेत भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दलों के नेताओं का कद भी दांव पर लगा हुआ है. इस चरण में 54 सीटों पर कुल 613 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाएंगे, जिसमें 11 अनुसूचित जाति के आरक्षित और दो अनुसूचित जनजाति के लिए लगभग 2.06 करोड़ मतदाता शामिल हैं.
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बीजेपी औऱ सपा के गठजोड़ की लिटमस टेस्ट
यह अंतिम दौर भाजपा और समाजवादी पार्टी दोनों के छोटे जाति-आधारित दलों के साथ गठजोड़ की भी परीक्षा होगी. बीजेपी के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी और अखिलेश यादव के नए दोस्त अपना दल (के), ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) और अन्य समर्थक ताबड़तोड़ रैली कर हवा बनाते रहे हैं. कभी समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में 2017 में बीजेपी ने अपने सहयोगी अपना दल (4) और एसबीएसपी (3) के साथ 29 सीटें जीतकर अपनी पैठ बनाई. बसपा को छह और समाजवादी पार्टी को 11 सीटें मिली थीं.
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