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​क्या कोरोना के खतरे के बीच खोले जा सकते हैं स्कूल? ICMR ने दिया यह जवाब

आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव (Dr. Balram Bhargav) ने स्कूल खोलने को लेकर बड़ा बयान दिया है.

Updated on: 20 Jul 2021, 09:22 PM

highlights

  • कोरोना संक्रमण के बीच स्कूल खोले जाने को लेकर आईसीएमआर का बड़ा बयान
  • आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने स्कूल खोलने को लेकर दिया संकेत
  • देश में अभी भी 40 करोड़ लोग कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे में हैं: ICMR

नई दिल्ली:

देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर (Corona Virus Second Wave) भारी तबाही मचा चुकी है. हालांकि अब कोरोना संक्रमण की गति जरूरत धीमी पड़ी है, लेकिन तीसरी लहर का खतरा अभी बरकरार है. वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं और लोगों से नियमों के पालन की अपील कर रहे हैं. हालांकि इस बीच कोरोना प्रतिबंधों में ढील दी जा रही और कई राज्यों में फिर से स्कूल खोलने (School Opening) की तैयारी शुरू हो गई है. इस बीच आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव (Dr. Balram Bhargav) ने स्कूल खोलने को लेकर बड़ा बयान दिया है.

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मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉ. भार्गव ने कहा कि शुरुआत में प्राइमरी स्कूल (Primary School) खोले जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों में वयस्कों की तुलना में संक्रमण (Infection) होने का खतरा काफी कम होता है. डॉ. भार्गव ने बताया कि यूरोप के कई देशों ने तो कोरोना संक्रमण की तेजी के दौरान स्कूल खोले हुए थे. डॉ. भार्गव ने कहा जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना को लेकर हुए चौथे सीरो सर्वे में 6 से 17 साल तक के 28975 बच्चों को शामिल किया गया था. इन लोगों में से 62 प्रतिशत को कोरोना वैक्सीन नहीं लगाई गई थी. जबकि 24 प्रतिशत ने वैक्सीन की एक डोज और 14 प्रतिशत ने दोनों डोज ले रखी थीं. भार्गव ने बताया कि इस सर्वे में सीरो प्रीवलेंस 67 प्रतिशत मिला है.  

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दो तिहाई लोगों में इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि देश के दो तिहाई लोगों में इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई है, लेकिन एक तिहाई आबादी अभी भी कोरोना के खतरे में हैं. आपको बता दें कि डॉ. भार्गव ने हाल ही में हुए चौथे सीरो सर्वे के हलवाले से यह जानकारी दी. डॉ. भार्गव ने कहा कि कोरोना को लेकर हुए चौथे सीरो सर्वे में छह से सात साल तक के 28975 लोगों को शामिल किया गया था. इन लोगों में से 62 प्रतिशत को कोरोना वैक्सीन नहीं लगाई गई थी. जबकि 24 प्रतिशत ने वैक्सीन की एक डोज और 14 प्रतिशत ने दोनों डोज ले रखी थीं. भार्गव ने बताया कि इस सर्वे में सीरो प्रीवलेंस 67 प्रतिशत मिला है. ICMR के DG डॉ बलराम भार्गव ने बताया राष्ट्रीय सीरोसर्वे का चौथा दौर जून-जुलाई में 70 जिलों में आयोजित किया गया था और इसमें 6-17 वर्ष की आयु के बच्चे शामिल थे.