Mahakunbh: हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड सहित इतने इंस्टीट्यूशन आ रहे हैं महाकुंभ पर करने रिसर्च

Mahakunbh 2025: हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड सहित 20 से अधिक इंस्टीट्यूशन इस महाकुंभ में रिसर्च करने आ रहे हैं. महाकुंभ के महत्व को समझने और देखने के लिए रिसर्चर और स्टूडेंट्स आ रहे हैं.

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Priya Gupta
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Mahakumbh 2025 research

Mahakumbh 2025 research Photograph: (social media)

Mahakunbh 2025: महाकुंभ 2025, जो 13 जनवरी से 25 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित होगा, न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर, आध्यात्मिकता और नवाचार का संगम भी है. इस महोत्सव में करोड़ों श्रद्धालुओं आएंगे, इसे सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार हर तरीके की तैयारियां कर रही है. इस महाकुंभ के दौरान दुनिया भर से शैक्षणिक संस्थान यहां के अलग-अलग पहलूओं पर रिसर्च करने आएंगे. 

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हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, क्योटो यूनिवर्सिटी, AIIMS, IIM अहमदाबाद, IIM बेंगलुरू, IIT कानपुर, IIT मद्रास और जेएनयू जैसे प्रमुख संस्थान अपने प्रोफेसरों, रिसर्चर और स्टूडेंट्स को प्रयागराज भेजेंगे. दुनिया भर से लोग यहां पर आएंगे. क्योंकि ये महांकुभ की अपना एक विशेष महत्व है. जिसे लेकर विदेशों में अलग ही दिलचस्पी होती है. भारत की संस्कृति को देखने और समझने के लिए कई रिसर्च टीम भी पहुचने वाली है.

महाकुंभ का सांस्कृतिक महत्व

महाकुंभ 2025 भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और नवाचार के सम्मिलन का प्रतीक बनकर, दुनियाभर के लोगों को भारत की गहराई और वैभव से परिचित कराने का अवसर है. महाकुंभ 2025 में भीड़ को मैनेज और सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है. मेला क्षेत्र में 2,700 सीसीटीवी कैमरों के साथ-साथ 328 एआई (Artifical Intelligence) कैमरे लगाए गए हैं, जो 24 घंटे निगरानी करेंगे. ये एआई कैमरे फेस रिकग्निशन तकनीक के जरिए बिछड़े हुए लोगों को उनके परिवार से मिलाने में सहायता करेंगे.इसके अलावा, मेला क्षेत्र में 5 कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां बिछड़े हुए लोगों की सहायता के लिए मनोवैज्ञानिकों और पुलिस की टीम तैनात रहेगी.

नेत्र कुंभ क्या है

महाकुंभ 2025 में "नेत्र कुंभ" नामक एक विशेष पहल की गई है, जो लगभग 10 एकड़ क्षेत्र में फैला है. इस नेत्र कुंभ का उद्देश्य नेत्र परीक्षण और चश्मा वितरण के जरिए से लोगों की नेत्र स्वास्थ्य में सुधार करना है. पिछले नेत्र कुंभ ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान प्राप्त किया था, और इस साल का लक्ष्य गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में स्थान हासिल करना है.

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