/newsnation/media/media_files/2025/01/09/bp7qh7WMmraSmO3H0zV7.jpg)
blue collar jobs Photograph: (social media)
Blue Collar Jobs: भारत में 'ब्लू-कॉलर' नौकरियों की मांग तेजी से बढ़ रही है, खासकर 'क्विक कॉमर्स' क्षेत्र में. 'ब्लू-कॉलर' नौकरियों का मतलब उन कामों से है, जिनमें शारीरिक श्रम या स्किल् बिजनेस शामिल होता है, जैसे डिलीवरी ड्राइवर, वेयरहाउस हेल्पर, मार्केटिंग कर्मी, पैकेजिंग वर्कर्स, और लॉजिस्टिक्स में काम करने वाले कर्मचारी. इन भूमिकाओं के लिए शिक्षा के बजाय प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और एक्सपीरिएंस की जरूरत होती है.
आने वाली है ढेरों नौकरियां
एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 2027 तक अलग-अलग इंडस्ट्री में 24 लाख से अधिक 'ब्लू-कॉलर' श्रमिकों की जरूरत होगी, जिनमें से लगभग पांच लाख नौकरियां केवल 'क्विक कॉमर्स' फील्ड से होने की संभावना है.'क्विक कॉमर्स' उद्योग की तेजी से बढोतरी के कारण, त्योहारी खरीदारी और ई-कॉमर्स की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कंपनियों ने पिछली तिमाही में 40,000 से अधिक कर्मचारियों को काम पर रखा है.
इतने तक की सैलरी होने वाली है नौकरी
इस क्षेत्र में डिलीवरी ड्राइवर, वेयरहाउस सहयोगी, मार्केटिंग कर्मी, पैकेजिंग वर्कर्स, और लॉजिस्टिक्स में काम करने वाले कर्मचारियों की मांग है. इन पदों के लिए औसत मासिक वेतन लगभग ₹22,600 है, हालांकि वर्कइंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 57.63 प्रतिशत श्रम प्रधान नौकरियों में वेतन ₹20,000 प्रति माह या उससे कम है.
'क्विक कॉमर्स' क्षेत्र की बढ़ोतरी के साथ, चेन्नई, पुणे, बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली, चंडीगढ़, और अहमदाबाद जैसे शहरों में 'ब्लू-कॉलर' नौकरियों के अवसर बढ़ रहे हैं. कंपनियां नेविगेशन, डिजिटल साक्षरता, डेटा विश्लेषण, प्रबंधन, और तकनीकी सहायता जैसे स्किल्ड लोगों को प्राथमिकता दे रही हैं.
इस प्रकार, 'ब्लू-कॉलर' नौकरियों की बढ़ती मांग और 'क्विक कॉमर्स' क्षेत्र की तेजी से बढ़ने के साथ, 10वीं पास और शारीरिक श्रम में स्किल्ड व्यक्तियों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, जो उनके लिए स्थिर इनकम और करियर ऑप्शन के रास्ते खोल सकते हैं.
ये भी पढ़ें-अब किसी भी सब्जेक्ट से दे सकेंगे NET एग्जाम, नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रहा UGC
ये भी पढ़ें-Swayam Courses: फ्री ऑनलाइन कोर्स कर बढ़ाए अपने स्किल, 4 से लेकर 24 सप्ताह तक के प्रोग्राम मौजूद