बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में इतनी सीटें रह गईं खाली, लड़कियों की कंप्यूटर साइंस में बढ़ी दिलचस्पी

बिहार के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में इस सेशन काफी सीटें खाली रह गई है. वहीं बिहार में लड़कियों में इंजीनियरिंग को लेकर दिलचस्पी बढ़ी है.

बिहार के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में इस सेशन काफी सीटें खाली रह गई है. वहीं बिहार में लड़कियों में इंजीनियरिंग को लेकर दिलचस्पी बढ़ी है.

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Priya Gupta
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btech Photograph: (social media)

Bihar Engineering Colleges: बिहार के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में 2024-25 शेसन के लिए एडमिशन प्रक्रिया के बाद भी कई सीटें खाली रह गई हैं. राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में कुल 14,469 सीटों में से 2,701 सीटें खाली रह गईं, जो कुल सीटों का लगभग 19 प्रतिशत है. इनमें से लगभग 2,000 सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित थीं. पॉलिटेक्निक संस्थानों में भी स्थिति समान रही. राज्य के 46 पॉलिटेक्निक संस्थानों में कुल 17,054 सीटों में से 2,001 सीटें खाली रह गईं, यानी 15,053 सीटों पर ही एडमिशन हो सका. 

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लड़कियों की इंजीनियरिंग में बढ़ी दिलचस्पी

हालांकि, यह भी देखा गया है कि बिहार में लड़कियों की इंजीनियरिंग शिक्षा में रुचि बढ़ रही है. 2024-25 सत्र में राज्य के 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में लगभग 3,000 लड़कियों ने अलग-अलग ट्रेडों में नामांकन लिया है. सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में लड़कियों के लिए 33.33 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं. पिछले वर्ष 2023-24 में भी लगभग 2,700 लड़कियों ने एडमिशन लिया था. 

इतने कम फीस में इंजीनियरिंग कोर्स

लड़कियों ने कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, और सिविल जैसे ट्रेडों में अधिक रुचि दिखाई है, जबकि मैकेनिकल ब्रांच में उनकी रुचि कम रही है. पॉलिटेक्निक संस्थानों में लड़कियों के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण नहीं है, फिर भी वहां उनकी उपस्थिति अच्छी है. राज्य में पटना सहित दो महिला पॉलिटेक्निक संस्थान संचालित हैं. साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने दावा किया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग सभी सीटें भर गई हैं. उन्होंने बताया कि बिहार देश में इकलौता राज्य है, जहां ₹10 प्रति माह में इंजीनियरिंग और ₹5 प्रति माह में पॉलिटेक्निक की पढ़ाई कराई जाती है.

 

इसके बावजूद, कुछ सीटें खाली रहना चिंता का विषय है. एक्सपर्ट का मानना है कि छात्रों की करियर प्राथमिकताओं में बदलाव, अन्य राज्यों में बेहतर अवसरों की तलाश, और कुछ ट्रेडों में कम रुचि इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं. सरकार और शैक्षणिक संस्थानों को इस दिशा में प्रयास करने की जरूरत है ताकि सभी सीटें भरी जा सकें और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके.

इसके अलावा, छात्रों को जागरूक करने और उन्हें कई ट्रेडों के महत्व और संभावनाओं के बारे में जानकारी देने की भी जरूरत है, ताकि वे अपने करियर के लिए सही फैसला ले सकें. साथ ही, प्लेसमेंट और उद्योग के साथ सहयोग बढ़ाकर छात्रों के लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित करना भी जरूरी है.

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