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खुद पर लाखों खर्च करके करोड़ों की ठगी करने वाला 'नटवरलाल' जयपुर से गिरफ्तार

पुलिस कस्टडी में आने से पहले इस गैंग के सरगना के जलवे जो देखता उसकी शान-ओ-शौकत से दंग रह जाता. यह जमाने के सामने खुद को डायमंड मर्चेंट बताता और वैसी ही लाइफस्टाइल भी जीता.

Updated on: 19 Aug 2020, 07:53 PM

नई दिल्ली:

पुलिस (Police) कस्टडी में आने से पहले इस गैंग के सरगना के जलवे जो देखता उसकी शान-ओ-शौकत से दंग रह जाता. यह जमाने के सामने खुद को डायमंड मर्चेंट (Diamond merchant) बताता और वैसी ही लाइफस्टाइल भी जीता. हकीकत में यह सारा दिखावा शिकार को फंसाने के लिए करता. अपने ऊपर लाखों खर्च करके करोड़ों की ठगी करने में महारथ हासिल कर चुका है. इसका ताजा शिकार एक कंपनी के डायरेक्टर और डॉक्टर बने. जिनको इसने 75 करोड़ का बिजनेस लोन दिलाने का झांसा देकर प्रोसेसिंग फीस और स्टांप पेपर खरीदने के बहाने सवा चार करोड़ रुपये ठग लिए. रकम हड़पने के बाद उनके साथ हुए पूर्व करार (MOU) को दरकिनार कर दिया. डॉक्टर ने रुपये लौटाने का दबाव बनाया तो एक फर्जी करार और तैयार करके रुपये देने से पल्ला झाड़ लिया.

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एमओयू साइन कराने के दौरान कुछ खाली पेपर पर भी शिकार से हस्ताक्षर करवा लेता

दरअसल संजय सक्सेना नाम के इस चीटर की मोड्स ऑपरेंडी यह रहती है कि वह एमओयू साइन कराने के दौरान कुछ खाली पेपर पर भी शिकार से हस्ताक्षर करवा लेता. ऐसा ही उसने डॉक्टर के साथ भी किया. जब डॉक्टर ने पहले करार का वास्ता दिया तो आरोपी ने उनके साइन किए ब्लैंक पेपर पर दूसरा करार तैयार करके पहले एग्रीमेंट से पल्ला झाड़ लिया. डॉक्टर की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा ने मुकदमा दर्ज करके 10 दिन तक संजय सक्सेना को अलग-अलग राज्यों में तलाश किया. आखिरकार उसे जयपुर से गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल वह ईओडब्ल्यू की रिमांड पर है. जिन दो लोगों ने उसकी छिपाने में मदद की पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया.

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डायमंड मर्चेंट के तौर पर बहुत से लोगों से बड़ी ठगी कर चुका है

आरोपी से पूछताछ के बिनाह पर पुलिस का दावा है कि वह डायमंड मर्चेंट के तौर पर बहुत से लोगों से बड़ी ठगी कर चुका है, जिस पर जांच और पूछताछ जारी है. संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. ओपी मिश्रा के मुताबिक, जुलाई 2018 में फोकस इमेजिग एवं रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक डॉ. प्रशांत सरीन ने राजौरी गार्डन स्थित लंदन डायमंड ग्रुप के मालिक संजय सक्सेना के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज कराया था. जानकार के माध्यम से उनकी मुलाकात संजय सक्सेना से हुई. सक्सेना ने उनको बताया कि वह बड़ी कंपनियों को कम ब्याज पर लोन दिलाने का काम करते हैं और 75 करोड़ रुपये तक का लोन 8 फीसद ब्याज पर दिला सकते हैं. डॉ. प्रशांत सरीन ने शिकायत में कहा कि कुछ बैठकों के बाद संजय सक्सेना से उनका सौदा तय हो गया.

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35 करोड़ रुपये और दूसरी किस्त 40 करोड़ रुपये 6 फीसद ब्याज के साथ तय की थी

सक्सेना ने लोन की पहली किस्त 35 करोड़ रुपये और दूसरी किस्त 40 करोड़ रुपये 6 फीसद ब्याज के साथ तय की थी. इसके बदले में 4 करोड़ 25 लाख रुपये, कुछ दस्तावेज और खाली कागजात ले लिए. कई दिन गुजरने के बाद भी लोन नहीं मिला और संजय सक्सेना भी दिल्ली से गायब हो गया. पुलिस के मुताबिक केस दर्ज होने के बाद आरोपित अपने ठिकाने बदलता रहा. आखिर में जयपुर से गिरफ्तार किया. अभी तक की जांच में पता चला है कि संजय सक्सेना के खिलाफ दिल्ली के अलग-अलग थानों में करीब आधा दर्जन ठगी के मामले दर्ज हैं. इसके अलावा एक मामला हत्या के प्रयास का भी दर्ज है.