पतंजलि सिर्फ एक कंपनी या सिर्फ एक ब्रांड नहीं है, बल्कि ये भारत के स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक बनकर उभरा है. पतंजलि ने भारतीयों के सोचने और खरीदने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आई है. योग गुरू बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा स्थापित ब्रांड ने न सिर्फ प्राकृतिक उत्पादों और आयुर्वेद को मुख्यधारा से जोड़ा है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कपने में भी अहम भूमिका निभाई है.
हर भारतीय को आखिर क्यों पतंजलि का समर्थन करना चाहिए, आइये जानते हैं.
पतंजलि स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देती है. इससे भारतीयों का पैसा भारत में ही रहता है. विदेशी कंपनियों के सामान खरीदने से भारतीयों का पैसा विदेश में जाता है. स्वदेशी उत्पादों को खरीदने से भारतीय उद्योग को बढ़ावा मिलता है और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है.
किसानों को मिलते हैं अच्छे दाम
खास बात है कि पतंजलि भारत के किसानों से सीधा कच्चा माल खरीदता है. इस वजह से किसानों को दाम और अच्छी आजीविका मिलती है. स्वदेशी ब्रांडों को समर्थन देने से एफएमसीजी, सौंदर्य प्रसाधन, स्वास्थ्य और खाद्य पदार्थों जैसे क्षेत्रों में भारत की विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम होगी. ये आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने में मदद करेगी.
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पतंजलि कम कीमत में अच्छे उत्पाद प्रदान करता है. स्वदेशी विकल्प सभी आर्थिक वर्गों को सुलभ और किफायती बनाते हैं. पतंजलि उपभोक्ताओं को महंगे विदेशी ब्रांड्स का विक्लप भी देते हैं.
स्वदेशी अपनाना गर्व करने का तरीका है
स्वदेशी को अपनाना सिर्फ आर्थिक पहल नहीं है. ये भारतीय संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने और उसके गौरव को बढ़ाने का एक तरीका है. पतंजलि भारतीयों को अपनी जड़ों पर गर्व महसूस करवाने का ही एक तरीका भी है. पतंजलि भारतीयों को अपनी जड़ों को गर्व महसूस कराने का कार्य कर रहा है.
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पर्यावरण संरक्षण का एक आंदोलन है
पतंजलि के माध्यम से स्वदेशी को अपनाना सिर्फ उपभोक्ताओं की पसंद नहीं है, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता, सांस्कृतिक उत्थान और पर्यावरण संरक्षण का एक आंदोलन है. ये हर भारतीय जो मजबूत, आत्मनिर्भर और सशक्त भारत का सपना देखता है, वह इस पहल का समर्थन करना है.
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