किसान आंदोलन में अपना नाम घसीटे जाने के बाद अडानी समूह ने दिया ये बड़ा बयान
विज्ञापन के माध्यम से अडानी समूह ने स्पष्ट किया है कि कंपनी के पास भंडारण की मात्रा तय करने और अनाज के मूल्य निर्धारण करने में कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि वह केवल एफसीआई के लिए एक सेवा बुनियादी ढांचा प्रदाता कंपनी है.
नई दिल्ली :
कृषि सुधार संबंधी कानूनों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शनों में अपना नाम गूंजने के बीच अडाणी समूह (Adani Group) ने उत्तर भारतीय और पंजाब प्रकाशनों में विज्ञापन के जरिए अपनी सफाई पेश की है. अडानी समूह ने विज्ञापन में कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसान कल्याण के लिए काम करने वाली कंपनी को निहित स्वार्थो द्वारा बदनाम किया जा रहा है. पंजाब प्रकाशनों में पूरे पृष्ठ के विज्ञापनों में अडानी समूह ने लोगों से इस दुष्प्रचार अभियान के खिलाफ आवाज उठाने को कहा है.
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भंडारण की मात्रा तय करने और अनाज के मूल्य निर्धारण करने में कोई भूमिका नहीं: अडानी समूह
अडानी ने उनके खिलाफ चल रहे अभियान को दुष्प्रचार के साथ ही झूठा भी करार दिया, जिसमें चल रहे किसान आंदोलन के बीच यह कहा जा रहा है कि अडानी किसानों से सीधे तौर पर खरीद करता है और जमाखोरी करता है. यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि अडानी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिग के जरिए किसानों का शोषण कर रहे हैं. इसके अलावा अडानी द्वारा बड़े पैमाने पर कृषि भूमि का अधिग्रहण करने के बारे में भी खूब बाते हो रही हैं. इस बीच विज्ञापन के माध्यम से अडानी समूह ने स्पष्ट किया है कि कंपनी के पास भंडारण की मात्रा तय करने और अनाज के मूल्य निर्धारण करने में कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि वह केवल एफसीआई के लिए एक सेवा बुनियादी ढांचा प्रदाता कंपनी है.
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किसानों से अनाज खरीदने और कॉन्ट्रैक्ट खेती में शामिल शामिल नहीं: अडानी समूह
एफसीआई किसानों से खाद्यान्न खरीदता है और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से निर्मित साइलो में इन्हें संग्रहित करता है. निजी कंपनियों को खाद्यान्न भंडार स्थान के निर्माण और भंडारण के लिए शुल्क का भुगतान किया जाता है, लेकिन इन जिंसों के स्वामित्व के साथ-साथ इसके विपणन और वितरण का अधिकार, एफसीआई के पास है. अडानी समूह ने कहा है कि वह किसानों से अनाज खरीदने में संलग्न नहीं है और न ही वह अनुबंध खेती में शामिल है. इसके अलावा यह बात भी स्पष्ट की गई है कि वह कृषि भूमि का अधिग्रहण भी नहीं करते हैं.
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अडानी समूह ने कहा है कि वह न तो किसानों से खाद्यान्न खरीदते हैं और न ही खाद्यान्न का मूल्य तय करते हैं। बंदरगाह से लेकर ऊर्जा कारोबार से जुड़ी कंपनी ने स्पष्ट किया है कि वह केवल भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के लिए अनाज भंडारण के साइलो विकसित करती है और इसे संचालित करती है. कंपनी ने स्पष्ट करते हुए कहा, अनाज के भंडारण और मूल्य निर्धारण की मात्रा तय करने में कंपनी की कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि यह केवल एफसीआई के लिए एक सेवा और बुनियादी ढांचा प्रदाता कंपनी है.
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