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सोने-चांदी की ज्वैलरी (Gold Silver Jewellery) की खरीदारी पर KYC के क्या हैं नए नियम, यहां जानिए

Gold Silver Jewellery Latest News: PML एक्ट 2002 के तहत जारी नोटिफिकेशन के अनुसार यह साफ किया गया है कि अगर महीनेभर में एक ग्राहक को 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की ज्वैलरी की बिक्री की गई हो तो KYC का नया नियम लागू होगा.

Updated on: 09 Jan 2021, 09:21 AM

नई दिल्ली:

Gold Silver Jewellery Latest News: सोना-चांदी (Gold Silver Price Today) और कीमती रत्न और पत्थरों की नकद खरीद के लिए ग्राहक को जानो (Know Your Customer) संबंधी किसी भी तरह के नए नियम को लागू नहीं किया गया है. वित्त मंत्रालय ने इस मामले में सफाई जारी की है. दरअसल, नए नोटिफिकेशन के आने के बाद संशय का माहौल बन गया था कि ग्राहकों को अब हर खरीदारी पर KYC देना होगा. 

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PML एक्ट 2002 के तहत जारी नोटिफिकेशन के अनुसार यह साफ किया गया है कि अगर महीनेभर में एक ग्राहक को 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की ज्वैलरी की बिक्री की गई हो तो KYC का नया नियम लागू होगा. मतलब यह कि अगर आपने महीनेभर में 2 लाख रुपये से कम में नकद में तीन या चार बार खरीदारी की है और यह रकम 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा बन रही हो तो ग्राहक को KYC देना होगा. वित्त मंत्रालय के अनुसार नए नोटिफिकेशन में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की खरीदारी पर KYC वाली शर्त फाइनेंशियल एक्शन टास्कफोर्स की सिफारिशों को ध्यान में रखकर लाया गया है. 

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सूत्रों के मुताबिक ज्यादा कीमत की खरीद फरोख्त के लिए ही आधार कार्ड (Aadhaar Card), पैन कार्ड (PAN Card) या अन्य डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी. बता दें कि वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के द्वारा 28 दिसंबर 2020 को जारी किए गए नोटिफिकेशन को स्पष्ट करते हुए जानकारी दी गई है कि 2 लाख रुपये से ज्यादा की नकद में ज्वैलरी खरीदारी करने पर ही KYC दस्तावेज की जरूरत पड़ती है और यह नियम अभी भी लागू है.

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क्या था मामला
बता दें कि 28 दिसंबर को PMLA के तहत जारी नोटिफिकेशन में KYC जरूरी होने का दावा कर कई ज्वैलर्स ग्राहकों से केवाईसी डॉक्यूमेंट मांगने लगे थे. दरअसल, दरअसल, वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने सोने के कारोबार को PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के दायरे में लाने के लिए 28 दिसंबर 2020 को अधिसूचना जारी की थी. अधिसूचना के अनुसार सोने-चांदी, ज्वैलरी की संदिग्ध खरीदारी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पास इसकी जांच का अधिकार दिया गया है. वित्त मंत्रालय के आदेश के बाद ज्वैलर्स को अब ट्रांजैक्शन का हिसाब किताब रखना जरूरी हो गया है और अगर ऐसा नहीं किया तो सजा का प्रावधान भी किया गया है. बस मामला यहीं से शुरू हुआ और ज्वैलर्स को लगा कि छोटी नकद खरीदारी पर भी केवाईसी जरूरी हो गया है, जबकि सरकार की ओर से कहा गया कि एक महीने में 10 लाख रुपये से अधिक की खरीदारी पर ही KYC की मांग ज्वैलर्स की ओर से किया जाएगा.