logo-image

9 फीसदी लुढ़क सकती है भारत की अर्थव्यवस्था, इस इंटरनेशनल एजेंसी ने जताया अनुमान

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने सोमवार को 2020-21 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर नकारात्मक नौ प्रतिशत कर दिया. पहले उसने भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था.

Updated on: 14 Sep 2020, 02:30 PM

नई दिल्ली:

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में नौ प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है. एसएंडपी ने सोमवार को 2020-21 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर नकारात्मक नौ प्रतिशत कर दिया. पहले उसने भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स एशिया-प्रशांत के अर्थशास्त्री विश्रुत राणा ने कहा कि कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ने की वजह से निजी आर्थिक गतिविधियां रुकी हुई हैं.

यह भी पढ़ें: अगस्त के दौरान बढ़ी महंगाई, थोक महंगाई दर बढ़कर 0.16 प्रतिशत पर पहुंची

पहले एसएंडपी ने 5 फीसदी की गिरावट का लगाया था अनुमान
अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से भारत में निजी खर्च और निवेश लंबे समय तक निचले स्तर पर रहेगा. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स का अनुमान है कि 31 मार्च, 2021 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9 प्रतिशत की गिरावट आएगी. इससे पहले एसएंडपी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया गया था. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून की तिमाही में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट उम्मीद से कहीं अधिक रही है. एसएंडपी ने कहा कि जून में भारत ने लॉकडाउन में ढील दी. हमारा मानना है कि इस महामारी की वजह से देश में आर्थिक गतिविधियां अभी बाधित रहेंगी.

यह भी पढ़ें: नौ लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण वाली दूसरी कंपनी बनी TCS

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूटीओ) के आंकड़ों के अनुसार 11 सितंबर को समाप्त सप्ताह में भारत में प्रतिदिन औसतन 90,000 संक्रमण के नए मामले आए. अगस्त में यह औसत 70,000 प्रतिदिन का था. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जब तक कि वायरस का प्रसार का रुकता नहीं है, उपभोक्ता बाहर निकलकर खर्च करने में सतर्कता बरतेंगे तथा कंपनियां दबाव में रहेंगी. पिछले सप्ताह दो अन्य वैश्विक रेटिंग एजेंसियों मूडीज और फिच ने भी भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाया था. मूडीज ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 प्रतिशत तथा फिच ने 10.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है. हालांकि, गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 14.8 प्रतिशत की गिरावट आएगी.