दिल्ली में अब ये महिलाएं नहीं कर पाएंगी मुफ्त बस यात्रा, रेखा सरकार का बड़ा फैसला

Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब सभी महिलाओं के लिए बसों में सफर मुफ्त नहीं हो सकेगा. इसको लेकर रेखा सरकार की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है.

Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब सभी महिलाओं के लिए बसों में सफर मुफ्त नहीं हो सकेगा. इसको लेकर रेखा सरकार की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है.

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Dheeraj Sharma
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Delhi Women will can not travel free

Delhi: दिल्ली में अब हर महिला के लिए मुफ्त बस यात्रा करना संभव नहीं होगा. दरअसल दिल्ली की रेखा सरकार ने महिलाओं और ट्रांसजेंडर नागरिकों के लिए एक नई पहल की शुरुआत करते हुए पिंक टिकट को हटाकर अब पिंक पास, जिसे ‘सहेली कार्ड’ भी कहा जा रहा है, लागू करने का फैसला लिया है.  इस कार्ड के जरिए  DTC और क्लस्टर बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा पहले से अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत तरीके से मिलेगी.

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क्या है सहेली कार्ड?

सहेली कार्ड एक स्मार्ट कार्ड है, जिसे केवल दिल्ली की निवासी महिलाओं और ट्रांसजेंडर नागरिकों को जारी किया जाएगा. इस कार्ड से वे राजधानी की DTC और क्लस्टर बसों में 100 फीसदी मुफ्त यात्रा कर सकेंगी.  
यह कार्ड दो श्रेणियों में जारी होगा:

- KYC वेरिफाइड कार्ड: आधार, पैन और दिल्ली निवास प्रमाण की जांच के बाद जारी किया जाएगा. 

- Non-KYC कार्ड: 12 वर्ष से ऊपर की लड़कियों और महिलाओं को बिना KYC के जारी किया जा सकेगा, हालांकि इसकी वैधता सीमित होगी. 

सहेली कार्ड कैसे बनवाएं?

कार्ड के लिए आवेदन की प्रक्रिया बेहद सरल है और पूरी तरह ऑनलाइन है:

- DTC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं

- ‘Pink Pass Apply’ विकल्प पर क्लिक करें

- आधार नंबर, मोबाइल OTP और पता दर्ज करें

- जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करें (PDF या JPEG फॉर्मेट में)

- कार्ड टाइप चुनें — KYC या Non-KYC

- जानकारी की पुष्टि कर e-Acknowledgement डाउनलोड करें

- कार्ड बन जाने के बाद SMS के जरिए सूचना दी जाएगी

होना चाहिए ये जरूरी दस्तावेज

- दिल्ली निवास प्रमाण (राशन कार्ड, वोटर ID, ड्राइविंग लाइसेंस)

- आधार और पैन कार्ड (केवल KYC कार्ड के लिए अनिवार्य)

- पासपोर्ट साइज फोटो

क्यों बंद किया गया पिंक टिकट ?

सरकार के मुताबिक, पहले पिंक टिकट से कोई भी महिला मुफ्त यात्रा कर सकती थी, जिससे राजस्व में भारी घाटा हुआ. DTC को लगभग 65,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. सहेली कार्ड की मदद से अब सही लाभार्थियों की पहचान हो सकेगी और फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा.

एक कार्ड से होंगे कई सफर

दिल्ली सरकार सहेली कार्ड को केवल बसों तक सीमित नहीं रखना चाहती. IIT दिल्ली की मदद से शहर के बस रूट्स का पुनः डिज़ाइन किया जा रहा है और भविष्य में यह कार्ड मेट्रो, RRTS और अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जोड़ा जा सकता है, जिससे एक ही कार्ड से मल्टी-मोड ट्रैवल संभव हो सकेगा. 

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