Coronavirus (Covid-19): कोरोना वायरस से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए RBI के बड़े ऐलान

Coronavirus (Covid-19): आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने एक प्रेसवार्ता के दौरान रेपो रेट में कटौती समेत राहत के कई उपायों की घोषणा की.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
RBI

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank)( Photo Credit : IANS)

Coronavirus (Covid-19): भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने कोरोना वायरस (Coronavirus Epidemic) के कहर से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए शुक्रवार को फिर राहत के कुछ बड़े कदमों का एलान किया. आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने यहां एक प्रेसवार्ता के दौरान रेपो रेट में कटौती समेत राहत के कई उपायों की घोषणा की. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

Advertisment

यह भी पढ़ें: Closing Bell 22 May 2020: हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार गिरकर हुआ बंद, सेंसेक्स 260 प्वाइंट लुढ़का

रेपो रेट में 40 आधार अंकों की कटौती
आरबीआई ने वाणिज्यिक बैंकों को केंद्रीय बैंक द्वारा दिए जाने वाले अल्पावधि कर्ज पर ब्याज की दर यानी रेपो रेट में 40 फीसदी की कटौती की है. नई कटौती के बाद रेपो रेट अब चार फीसदी हो गई है। रेपो रेट में कटौती के बाद बैंक ग्राहकों को दिए जाने वाले कर्ज की दर में कटौती कर सकते हैं, जिससे ग्राहकों को आवास और वाहन ऋण समेत दूसरे प्रकार के कर्ज कम ब्याज दर पर मिल सकते हैं. रेपो रेट में कटौती के साथ-साथ रिवर्स रेपो रेट की दर भी 3.75 फीसदी से घटकर 3.35 फीसदी हो गई है। प्रमुख ब्याज दरों में कटौती के नीतिगत फैसले में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी के छह सदस्यों में से पांच ने पक्ष में सहमति जताई.

यह भी पढ़ें: चालू वित्त वर्ष में GDP ग्रोथ निगेटिव रहने की आशंका, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का बड़ा बयान

कर्ज की मासिक किस्त अदायगी में 31 अगस्त तक राहत
आरबीआई ने होम लोन, पर्सनल लोन, वाहन लोन की अदायगी की मासिक किस्त रोकने की अवधि अब 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है. मतलब कोरोना महामारी के संकट के समय लोगों को मासिक किस्त यानी ईएमआई भरने को लेकर बहरहाल चिंता करने की जरूरत नहीं है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ईएमआई चुकाने में राहत की अवधि एक जून से बढ़ाकर 31 अगस्त तक करने का एलान किया.

यह भी पढ़ें: Covid-19: RBI ने ब्याज दरों में 0.40 फीसदी की कटौती का किया ऐलान, लोन लेने वालों के लिए बड़ी राहत

एक्जिम बैंक को 15000 करोड़ का कर्ज
आरबीआई ने शुक्रवार को भारतीय आयात-निर्यात बैंक (एक्जिम बैंक ) को 15000 करोड़ रुपए का कर्ज देने का एलान किया. एक्जिम बैंक को 90 दिनों के लिए यह कर्ज अमेरिकी डॉलर स्वैप करने के लिए दिया जाएगा. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोरोना के कहर से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा किए गए राहत के उपायों की घोषणा करते हुए यहां एक प्रेसवार्ता में एक्जिम बैंक को 90 दिनों के लिए 15,000 करोड़ रुपए का कर्ज देने की बात कही. इसके अलावा सिडबी को 15,000 करोड़ रुपये का उपयोग करने के लिए 90 दिनों का अतिरिक्त दिया गया है.

आरबीआई गवर्नर ने उपर्युक्त राहत के उपायों के साथ-साथ कुछ चिंताएं भी जाहिर की जो इस प्रकार हैं..

लॉकडाउन के चलते बढ़ सकती है महंगाई
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आने वाले दिनों में देश में महंगाई बढ़ने की आशंका जताई है. उन्होंने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन के चलते महंगाई बढ़ सकती है, लिहाजा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से अनाज की आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत है.

यह भी पढ़ें: रिलायंस इंडस्ट्रीज के जियो प्लेटफॉर्म्स में 11,367 करोड़ का रुपये का निवेश करेगी KKR

मानसून अनुकूल रहने से कृषि पैदावार बढ़ने की उम्मीद
आरबीआई गनर्वर ने रबी फसलों की अच्छी पैदावार को सुखद बताया और कहा कि आगे देश में मानसून अच्छा यानी अनुकूल रहने से खरीफ की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है.

मंदी की आशंका
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2020-21 में नकारात्मक रहने की आशंका जताई है. दास ने कहा कि दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी की राह पर है और भारत में भी जीडीपी विकास दर चालू वित्त वर्ष में गिरकर निगेटिव टेरिटरी में जा सकती है क्योंकि कोरोना के कहर के चलते आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो गई हैं. उन्होंने कहा कि जिन छह राज्यों का औद्योगिक उत्पादन में तकरीबन 60 फीसदी योगदान है वे कोरोना से ज्यादा प्रभावित हैं. उन्होंने बिजली और पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में आई भारी कमी का भी जिक्र किया जो आर्थिक गतिविधियां चरमराने के कारण आई है.

यह भी पढ़ें: म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेशकों को बड़ा झटका, अब इन दो स्कीमों में नहीं लगा पाएंगे पैसा

आर्थिक गतिविधियां बाधित होने से भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि वित्त वर्ष 2020-21 में नकारात्मक रहेगी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है और मुद्रास्फीति के अनुमान बेहद अनिश्चित हैं. उन्होंने कहा, "दो महीनों के लॉकडाउन से घरेलू आर्थिक गतिविधि बुरी तरह प्रभावित हुई है. साथ ही उन्होंने जोड़ा कि शीर्ष छह औद्योगिक राज्य, जिनका भारत के औद्योगिक उत्पादन में 60 प्रतिशत योगदान है, वे मोटेतौर पर रेड या ऑरेंज जोन में हैं। उन्होंने कहा कि मांग में गिरावट के संकेत मिल रहे हैं और बिजली तथा पेट्रोलियम उत्पादों की मांग घटी है.

यह भी पढ़ें: Coronavirus (Covid-19): देश की GDP ग्रोथ कोरोना वायरस की स्थिति पर निर्भर रहेगी, वित्त मंत्रालय का बयान

गवर्नर ने कहा कि सबसे अधिक झटका निजी खपत में लगा है, जिसकी घरेलू मांग में 60 फीसदी हिस्सेदारी है. दास ने कहा कि मांग में कमी और आपूर्ति में व्यवधान के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी. उन्होंने कहा कि 2020-21 की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों में कुछ सुधार की उम्मीद है. उन्होंने कहा, "2020-21 में जीडीपी वृद्धि के नकारात्मक रहने का अनुमान है, हालांकि 2020-21 की दूसरी छमाही में कुछ तेजी आएगी.

Coronavirus Lockdown 4.0 covid-19 Coronavirus Lockdown RBI Governor Shakti Kant Das GDP RBI Governor Indian economy India GDP RBI Press Conference coronavirus shaktikanta Das
      
Advertisment