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अमेरिका ने फिर भारत की आड़ में साधा ड्रैगन पर निशाना, कहा-भारत के दीर्घकालिक प्रयासों का सम्मान नहीं करता चीन

अमेरिकी (America) विशेषज्ञ ने कहा है कि भारत और चीन (China) की सीमा पर वर्तमान में जो हालात हैं वह बताते हैं कि भारत के अपनी सीमाओं (Border Standoff) पर यथास्थिति बनाए रखने के दीर्घकालिक प्रयासों का चीन सम्मान नहीं करता है.

06 Jun 2020, 10:50:14 AM (IST)

वॉशिंगटन:

दक्षिण एशिया के मामलों पर नजर रखने वाले एक शीर्ष अमेरिकी (America) विशेषज्ञ ने कहा है कि भारत और चीन (China) की सीमा पर वर्तमान में जो हालात हैं वह बताते हैं कि भारत के अपनी सीमाओं (Border Standoff) पर यथास्थिति बनाए रखने के दीर्घकालिक प्रयासों का चीन सम्मान नहीं करता है. 'कार्नेजी एंडावमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस' में सीनियर फेलो एशले टेलिस ने कहा कि अपनी निर्ल्लज हरकतों से बीजिंग ने नई दिल्ली को मजबूर किया है कि वह बाकी के एशिया (Asia) के साथ मिलकर यह विचार करे कि चीन की 'फूट डालो और राज करो रणनीति' में आए नए बदलाव से किस तरह निपटना होगा.

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चीन कर रहा उकसावे वाली कार्रवाई
उन्होंने कहा, 'भारत-चीन सीमा पर वर्तमान में बने हालात बताते है कि दोनों देशों की विवादित सीमाओं पर यथास्थिति कायम रखने के भारत के दीर्घकालिक प्रयासों का चीन सम्मान नहीं करता.' टेलिस ने अपने हालिया शोध पत्र में कहा कि जम्मू-कश्मीर में भारत की आंतरिक गतिविधियों को उकसावे वाला बताते हुए उसने हिमालयी सीमा क्षेत्र के नए हिस्सों में अपना कब्जा करने की कोशिश की' ऐसे में यदि वर्तमान में जारी बातचीत के कोई खास परिणाम नहीं निकलते हैं तो भारत के सामने दो मुश्किल विकल्प ही रहेंगे-या तो अपने नुकसान को कम से कम करने की कोशिश करे या फिर बल का इस्तेमाल करे.'

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चीन की कुटिल चालों ने भारत को किया मजबूर
उन्होंने कहा, 'ऐसा करके, उसने भारत को बाकी के एशिया के साथ मिलकर यह विचार करने पर मजबूर किया है कि चीन की 'फूट डालो, राज करो' की चाल में आए बदलाव से कैसे निपटा जाए, जो यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि चीन की ताकत बढ़ रही है.' टेलिस ने कहा कि पहले की तरह इस बार यह टकराव भौगोलिक रूप से स्थानीय और असतत नहीं था बल्कि हाल में जम्मू-कश्मीर के पूर्वी क्षेत्र में लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जो आमना-सामना हुआ है वह कई स्थानों पर हुआ है जो यह दिखाता है कि इस बारे में चीन में उच्च स्तर पर सोच-विचार हुआ और शीर्ष स्तर से ही सैन्य गतिविधियों को मंजूरी भी मिली.

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बड़े टकराव की आशंका
उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि चीन भारत के दावे वाले क्षेत्रों में तब तक कब्जा जमाकर रख सकता है जब तक कि चीन के सैनिकों को भारत वहां से बलपूर्वक निकाल नहीं देता या फिर चीन के प्रति जैसे को तैसा रूख अपनाकर विवादित क्षेत्र में उन अन्य स्थानों पर कब्जा नहीं जमाता जहां पर वह रणनीतिक फायदे की स्थिति में है.' उन्होंने माना कि इससे बड़े टकराव की आशंका पैदा होगी. गौरतलब है कि लद्धाख सीमा पर भारत-चीन सेना के बीच जारी गतिरोध को लेकर शनिवार को सैन्य अधिकारियों के बीच थ्री स्टार जनरल स्तर की बातचीत होने जा रही है.

  • HIGHLIGHTS
  • सीमा पर भारतीय प्रयासों का सम्मान नहीं करता चीन.
  • अमेरिकी विशेषज्ञ ने भारत-चीन तनाव पर की टिप्पणी.
  • चीन की 'फूट डालो, राज करो' की चाल से भारत सजग.