.

महाराष्ट्र में मंदिर पर बवाल: राज्यपाल और CM में छिड़ा लेटर वॉर, बीजेपी का मार्च

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी है और महाराष्ट्र में मंदिरों को खोलने की गुजारिश की है.

News Nation Bureau
| Edited By :
13 Oct 2020, 01:51:07 PM (IST)

मुंबई:

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी है और महाराष्ट्र में मंदिरों को खोलने की गुजारिश की है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे के लिए पत्र में लिखा है कि मेरा आपसे अनुरोध है कि सभी आवश्यक कोविड-19 सावधानियों के साथ सभी पूजा स्थलों को फिर से खोलने की घोषणा करें. हालांकि राज्यपाल के पत्र पर मुख्यमंत्री ठाकरे ने भी जवाब दिया है.

यह भी पढ़ें: बिहार में पप्पू यादव के साथ गठबंधन कर सकती है शिवसेना, जल्द पटना जाएंगे संजय राउत

'आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं. आपने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद अयोध्या जाकर भगवान राम की भक्ति के लिए सार्वजनिक रूप से निष्ठा जताई थी. आपने पंढरपुर में विट्ठल रुक्मिणी मंदिर का दौरा किया था और आषाढ़ी एकादशी पर पूजा की थी.' पत्र में राज्यपाल ने आगे लिखा, 'क्या आप खुद सेकूलर हो गए है या फिर आपको किसी दैवी शक्ति का साक्षात्कार हो रहा है इस लिए आप मंदिर नहीं खोल रहे है.'

राज्यपाल के इस पत्र का जवाब देने में मुख्यमंत्री ठाकरे ने भी देरी नहीं की है. सीएम ने कुछ ही मिनटों के बाद राज्यपाल के पत्र का जवाब दिया और कहा, 'जैसा कि अचानक से लॉकडाउन को लागू करना सही नहीं था, एक बार में इसे पूरी तरह से रद्द करना भी अच्छी बात नहीं होगी.' इसके साथ ही ठाकरे ने जवाब में लिखा, 'मेरे हिंदुत्व का जिक्र जो आपने किया है, उससे मैं सहमत हूं, लेकिन इसके लिए मुझे आपके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.'

As imposing lockdown all of a sudden was not right, revoking it completely at once will also be not a good thing. And yes, I am someone who follows Hindutva, my Hindutva doesn't need verification from you: Maharashtra CM Uddhav Thackeray (in file photo) replies to Governor https://t.co/Tw26tZ2r6B pic.twitter.com/VgCSXnhTlh

— ANI (@ANI) October 13, 2020

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मुझे हिंदुत्व किसी से सीखने की जरूरत नहीं लगती. मेरे राज्य की राजधानी को पीओके कहने वालों का आपने गर्मजोशी से स्वागत किया. क्या ये हिंदुत्व में बैठता है.' उन्होंने कहा, 'धर्मस्थल खोलना हिंदुत्व और ना खोलना सेकुलर है. अगर ऐसा है तो राज्यपाल पद की शपथ घटना के अनुसार आपने ली है, उसका मूल ही सेकुलरिज्म है.'

यह भी पढ़ें: अधीर रंजन की अगुवाई में PAC को लेह दौरे की अनुमति, सैनिकों से मिल लेंगे हालात की जानकारी

ठाकरे ने जवाब में कहा, 'क्या आप वो नहीं मानते. मैं इतना बड़ा नहीं की, मुझे किसी दैवी शक्ति का साक्षात्कार हो. आपको इसका अनुभव हो सकता है. मैं तो सिर्फ़ देश और दूसरे राज्यों में क्या सही-ग़लत हो रहा है. उसकी जानकारी लेकर महाराष्ट्र की स्थिति सुधारने का प्रयास कर रहा हूं.'

उधर, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर मुंबई में प्रदर्शन किया. जबकि शिरडी में साधु-संत अनशन पर बैठ गए. साईं मंदिर खोलने के लिए बीजेपी के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के महंतों ने भी शिरडी में एकदिवसीय अनशन किया है. उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में महाराष्ट्र में मार्च से लेकर अभी तक सभी मंदिर बंद हैं. अनलॉक में उद्धव सरकार ने शराब की दुकानों को खोल दिया है, मगर करीब 7 महीने से सभी मंदिर बंद हैं.