.

करीब 5 घंटे की सर्जरी के बाद सुषमा स्वराज को मिला था नया जीवन

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का मंगलवार रात में निधन हो गया. उन्हें हार्ट अटैक के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था.

News Nation Bureau
| Edited By :
07 Aug 2019, 10:46:50 AM (IST)

New Delhi:

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का मंगलवार रात में निधन हो गया. उन्हें हार्ट अटैक के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था. पिछले काफी दिनों से सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) बीमार चल रही थीं. सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) मोदी सरकार (Modi Government) के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री थीं.

यह भी पढ़ें: सुषमा स्वराज का निधन, अखिलेश, मायावती ने ऐसे दी श्रद्धांजलि

10 दिसंबर 2016 को एम्स में हुआ था किडनी का सफल प्रत्यारोपण
10 दिसंबर 2016 में सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) की किडनी का सफल प्रत्यारोपण एम्स में हुआ था. एम्स (AIIMS) और पीजीआई चंडीगढ़ के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों ने करीब 5 घंटे चले ऑपरशन में उनकी किडनी का प्रत्यारोपण किया था. जानकारी के मुताबिक स्वैच्छिक डोनर ने स्वराज को किडनी दान की थी.

यह भी पढ़ें: सुषमा स्वराज के निधन से बॉलीवुड में छाई शोक की लहर

मधुमेह से पीड़ित थीं सुषमा स्वराज
बता दें कि सुषमा स्वराज मधुमेह की बीमारी से पहले से ही पीड़ित थीं. मधुमेह उनकी किडनी के फेल होने की वजह बन गया. स्वराज को 7 नवंबर 2016 को एम्स में भर्ती किया गया था. 16 नवंबर 2016 को उन्होंने ट्वीट के जरिए बताया कि किडनी फेल्योर की वजह से एम्स में एडमिट हैं. उन्होंने बताया था कि अस्पताल में किडनी का प्रत्यारोपण किया जाना है. उनके इस ट्वीट के बाद कई लोगों ने स्वेच्छा से किडनी दान देने की इच्छा जताई थी.

यह भी पढ़ें: सुषमा स्वराज के निधन पर राबड़ी देवी ने किया भावुक भरा ट्वीट, उनके निधन से स्तब्ध हूं

सुषमा स्वराज तबीयत बिगड़ने से कुछ ही समय पहले अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने पर ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बधाई दी थी. उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि प्रधानमंत्री जी, आपका हार्दिक अभिनंदन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी.

यह भी पढ़ें- पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर बोले नीतीश कुमार- उनकी कमी खलेगी

उन्होंने शाह के लिए भी लिखा गृह मंत्री श्री अमित शाह जी को उत्कृष्ट भाषण के लिए बधाई. गौरतलब है कि 2019 का लोकसभा चुनाव उन्होंने खराब स्वास्थ्य के चलते नहीं लड़ा था. 1970 में वो सक्रिय राजनीति में आई और पहली बार 1977 में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनीं थीं.