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भारत चीन सीमा विवाद: मॉस्को से निकलेगी राह, जयशंकर और वांग की होगी मुलाकात

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 8 देशों के शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शामिल होने के लिए चार दिनों के दौरे पर मास्को में हैं. भारत और चीन, दोनों ही देश एससीओ के सदस्य हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
10 Sep 2020, 08:58:55 AM (IST)

highlights

  • सरहद पर भारत और चीन के बीच हालात बेहद खतरनाक
  • तनाव के बीच आज मुलाकात कर सकते हैं भारत-चीन के विदेश मंत्री
  • SCO बैठक में शामिल होने के लिए मॉस्को में हैं विदेश मंत्री ए जयशंकर
  • जयशंकर ने कल रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से की मुलाकात

Moscow:

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच हालात इस वक्त बेहद खतरनाक है. चीन हर लगातार भारतीय शरद में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है. मगर भारतीय जवानों के आगे उसकी हर चाल नाकामयाब साबित हो रही है. बार-बार बातचीत के बाद भी चीन धोखा दे रहा है. एक तरफ विस्तार वादी सोच वाला चीन सीने में खंजर भोंकने की कोशिश कर रहा है. इस सबके बीच रूस की राजधानी मास्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हो सकती है.

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 8 देशों के शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शामिल होने के लिए चार दिनों के दौरे पर मास्को में हैं. भारत और चीन, दोनों ही देश एससीओ के सदस्य हैं. रूस की राजधानी में बुधवार से बृहस्पतिवार तक हो रही एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के मेजबान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव हैं. इस दौरान एस जयशंकर इस बैठक से इतर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात कर सकते हैं. चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी एससीओ के सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और आरआईसी विदेश मंत्रियों की दोपहर भोज पर एक बैठक में शामिल होंगे.

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इससे पहले बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों पर चर्चा की और अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया. जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से इस बार व्यक्तिगत रूप से मिल कर खुशी हुई बेहतरीन वार्ता हुई, जिसमें हमारे विशेष एवं विशेषाधिकार वाली रणनीतिक साझेदारी प्रदर्शित हुई. अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर हमारे बीच हुई बातचीत काफी मायने रखती है.' उधर, रूस स्थित भारतीय दूतावास के अनुसार, लावरोव ने कहा, 'हम सभी क्षेत्रों... द्विपक्षीय संबंधों, एसीओ, ब्रिक्स, संयुक्त राष्ट्र के कार्यढांचे के तहत सहयोग... में रूस-भारत रणनीति साझेदारी के विकास पर चर्चा करने के अवसर की प्रशंसा करते हैं.'

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उल्लेखनीय है कि एससीओ का गठन 2001 में शंघाई में एक सम्मेलन के दौरान रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने किया था. भारत और पाकिस्तान 2005 में पर्यवेक्षक राष्ट्र के तौर पर इसमें शामिल किये गये थे. दोनों देशों को 2017 में संगठन का पूर्ण सदस्य बनाया गया.