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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग Photograph: (X@StateDept)
Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से चीन को चेतावनी दी है कि अगर उसने ताइवान पर हमला किया तो उसके परिणाम के बारे में अच्छी तरह से पता है. खासकर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हमले से पैदा होने वाली स्थिति को अछी तरह से जानते हैं. दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप ने ये बात चीन के अपने समकक्ष जिनपिंग के साथ बैठक के बाद सीबीसी को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कही. बता दें कि अक्टूबर के आखिर में दोनों नेताओं के बीच बैठक हुई. जिसमें अमेरिका-चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर पर चर्चा हुई.
चीन के ताइवान पर हमला करने के सवाल पर क्या बोले ट्रंप?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के ताइवान पर हमला करने से जुड़े सवाल का जवाब देते हुआ कहा कि, यह मुद्दा बैठक में नहीं उठा. उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रपति ने इस मुद्दे को नहीं उठाया क्योंकि वे इसके खराब नतीजों के बारे में जानते हैं. इसके साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप ने संभावित ताइवान संघर्ष पर अपनी रणनीति का खुलासा करने से इनकार किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि चीन जानता है कि अगर वह हमला करने की कोशिश करता है तो क्या होगा.
अमेरिका के दखल देने पर ट्रंप ने क्या कहा?
वहीं इस मामले में अमेरिकी दखल पर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि, "मैं अपने राज आपको नहीं बता सकता. मैं उन लोगों में से नहीं बनना चाहता जो आपको बताएं कि अगर कुछ होता है तो क्या होने वाला है." उन्होंने कहा कि, "दूसरा पक्ष जानता है लेकिन मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो आपको सब कुछ बता दे क्योंकि आप मुझसे कोई सवाल पूछ रहे हैं, लेकिन वे समझते हैं कि क्या होने वाला है."
इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जब तक वह राष्ट्रपति पद पर हैं, ताइवान पर कब्जे की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. लेकिन इस दौरान ट्रंप ने चीन के ताइवान पर हमले की हालत में अमेरिका की भूमिका के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. बता दें कि अमेरिकी अधिकारी ताइवान पर चीन के हमले को लेकर लगातार चिंता जताते रहे हैं. क्योंकि चीन हमेशा ताइवान पर अपना दावा करता रहा है.
जानें क्या है अमेरिका की चिंता?
बता दें कि अमेरिकी युद्ध सचिव पीट हेगसेथ ने बीते शुक्रवार (31 अक्टूबर) को मलेशिया में चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होने ताइवान और दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता पर चिंता जताई. हेगसेथ ने कहा कि उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया है. पेंटागन प्रमुख ने कहा कि, वॉशिंगटन टकराव नहीं चाहता, लेकिन वह अपने हितों की रक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सैन्य उपस्थिति बनाए रखेगा. बता दें कि अमेरिकी खुफिया आकलन का कहना है कि शी जिनपिंग ने अपनी सेना को 2027 तक संभावित आक्रमण के लिए तैयार रहने को कहा है. अमेरिका के सामने यही सबसे बड़ी चिंता है.
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