अमेरिका में पढ़ने वाले सैकड़ों विदेशी स्टूडेंट्स को एक मेल आया, जिसमें बताया गया कि उनका एफ-1 वीजा रद्द हो गया है. एफ-1 वीजा को स्टूडेंट वीजा कहा जाता है. ये मेल उन छात्रों को भेजा गया है, जो कैंपस में होने वाले विरोध प्रदर्शनों में शामिल हैं. मेल उन छात्रों को भी भेजा गया है, जो भले ही कैंपस में हुए विरोध प्रदर्शनों में तो शामिल नहीं थे पर उन्होंने सोशल मीडिया पर इस्राइल विरोेधी पोस्ट को शेयर, लाइक या फिर कमेंट किया है. बता दें, हमास का समर्थन करने की वजह से भारतीय छात्रों को भी मेल आया है.
एआई से छात्रों की पहचान
मेल में अमेरिकी सरकार ने कहा कि वे खुद को डिपोर्ट कर लें यानी खुद से अमेरिका छोड़ दें. ऐसा न करने वाले छात्रों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है. अमेरिका की सरकार एआई से एंटी इस्राइल गतिविधियों में शामिल छात्रों की पहचान कर रही है. छात्रों की पहचान करने वाले एआई ऐप का नाम- कैच एंड रिवोक है.
बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटीज के बच्चों को भी मेल
मेल सिर्फ एक विश्वविद्यालय के छात्रों को नहीं बल्कि कई यूनिवर्सिटीज के छात्रों को भेजा गया है. मेल हार्वर्ड, कोलंबिया, येल, मिशिगन और कैलिफोर्निया जैसी बड़ी यूनिवर्सिटी के छात्रों को भी भेजा गया है. हालांकि, अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि कितने यूनिवर्सिटी के कितने छात्रों को मेल किया गया है.
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मेल में क्या कहा गया
छात्रों को ईमेल में कहा गया है कि अमेरिका के इमिग्रेशन एंड नेशनैलिटी एक्ट की धारा 221(i) के तहत उनका एफ-1 वीजा रद्द कर दिया गया है. अगर में अब भी अमेरिका में रहेंगे तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा. उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है. सरकार उन्हें जबरदस्ती उनके मूल देश या फिर दूसरे देशों में भी भेज सकती है. इससे अच्छा है कि आप खुद ही अमेरिका छोड़ दें.
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ईमेल में छात्रों को साफ किया गया कि अगर आपको भविष्य में दोबारा अमेरिका आना है तो आपको फिर से अमेरिका के वीजा के लिए आवदेन करना होगा. आपके आवेदन पर फिर से फैसला किया जाएगा कि आपको वीजा देना है या नहीं. अमेरिकी सरकार ने मेल में कहा कि आप रद्द किए गए वीजा का इस्तेमाल दोबारा नहीं करेंगे. अमेरिका ने कहा कि देश छोड़ते वक्त आपको अमेरिकी दूतावास में अपना पासपोर्ट जमा करना होगा.
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विदेश मंत्री का कड़ा रुख
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि हमने 26 मार्च तक करीब 300 से ज्यादा छात्रों के वीजा रद्द किए हैं. हम रोज ऐसा कर रहे हैं. मुझे जब भी कोई सरफिरा मिलता है तो मैं उसका वीजा रद्द कर देता हूं. अमेरिका का वीजा छात्रों को अमेरिका में पढ़ने के लिए दिया गया है न कि कैंपस में प्रदर्शन करके माहौल को बर्बाद करने के लिए. हम हर छात्र से साफ कहना चाहते हैं कि अगर आपको पढ़ने का वीजा मिला है तो सिर्फ पढ़ाई करिए. बेकार के कामों में पड़ने की जरूरत नहीं है. रूबियो ने कहा- वीजा जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है. हमारे देश में अगर कोई आता है और माहौल खराब करता है तो उसे निश्चित रूप से यहां से जाना होगा. हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर सकते.
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