ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की मदद के बाद तुर्किए ने UNGA में अलापा कश्मीर राग, जानें क्या बोले एर्दोगन

UNGA: तुर्किए भी अब पाकिस्तान के नक्शे कदम पर चल रहा है. पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को हथियार देकर अब तुर्किए ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी पाकिस्तान की भाषा बोलते हुए कश्मीर मुद्दा उठाया है.

UNGA: तुर्किए भी अब पाकिस्तान के नक्शे कदम पर चल रहा है. पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को हथियार देकर अब तुर्किए ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी पाकिस्तान की भाषा बोलते हुए कश्मीर मुद्दा उठाया है.

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Suhel Khan
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Turkey President Erdogan

रेचेप तैयप एर्दोगन, राष्ट्रपति, तुर्किए Photograph: (UN TV)

UNGA: तुर्किए लगातार पाकिस्तान की भाषा बोलता नजर आ रहा है. पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हथियार भेजकर पाकिस्तान की मदद करने के बाद अब तुर्किए ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर राग अलाप कर पाकिस्तान की भाषा बोलने का काम किया है. दरअसल, तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने मंगलवार (23 सितंबर) को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने संबोधन के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया. एर्दोगन ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा बातचीत से हल होने चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को इशारों-इशारों में क्लीन चिट देने की कोशिश की.

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जानें संयुक्त राष्ट्र महासभा में और क्या बोले एर्दोगन

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में पहुंचे वैश्विक नेताओं को संबोधित करते हुए तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन ने एक बार फिर से कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय दखल की बात कही. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान को बातचीत से इस मसले को हल करना चाहिए. राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि, "कश्मीर की समस्या का हल बातचीत से होना चाहिए." इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे का हल UNSC के फैसलों और कश्मीरी लोगों की इच्छा के हिसाब से होना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में अमन-शांति बहुत जरूरी है. एर्दोगन ने कहा कि अप्रैल में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का हम स्वागत करते हैं.

आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को बचाते दिखे एर्दोगन

इसके साथ ही तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन आतंकवाद के मुद्दे पर भी पाकिस्तान का साथ देते दिखे और उन्होंने इसे लेकर पाकिस्तान को पाक-साफ ठहराया. एर्दोगन ने कहा कि, ''भारत और पाकिस्तान को मिलकर आतंकवाद से लड़ना चाहिए.'' बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान को तुर्किए का साथ मिला हो. इससे पहले मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी तुर्किए ने पाकिस्तान का साथ दिया और उसे ड्रोन समेत कई हथियार भी उपलब्ध कराए थे.

भारत कर चुका है तुर्किए के बयानों को खारिज

बता दें कि भारत कई  बार तुर्किए के ऐसे बयानों को खारिज करता रहा है. जब भी तुर्किए के कश्मीर से जुड़े मुद्दों पर बयान दिया है, भारत ने उसे आईना दिखाने की कोशिश की है. क्योंकि तुर्किए कई बार कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देता दिखा है. लेकिन भारत ने हर बार कहा कि कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है. जिसपर तुर्किए को बोलने का कोई अधिकार नहीं है. बावजूद इसके तुर्किए हर बार पाकिस्तान की तरह कश्मीर राग अलापना नहीं छोड़ता.

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