Israel Iran Ceasefire: इजरायल और ईरान के बीच 13 जून को शुरू हुआ युद्ध आखिरकार मंगलवार (24 जून) को थम गया. 12 दिनों तक चली जंग में दोनों ही देशों को भारी नुकसान हुआ है. जहां ईरान में 950 से ज्यादा लोगों की जान गई है तो वहीं इजरायल में करीब तीन दर्जन लोग मारे गए हैं. जबकि कई इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है.
अमेरिकी की दखलअंदाजी के बाद दोनों ओर से गतिरोध थमा है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सीजफायर के एलान के भी भी मंगलवार सुबह ईरान ने एक बार फिर से इजरायल पर मिसाइलें दागी. इस हमलें में कम से कम 9 इजरायलियों के मारे जाने की खबर है. दोनों देशों के सीजफायर के बीच हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर ट्रंप ने ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर कैसे कराई. वो क्या शर्तें है जिसके तहत दोनों देश युद्ध विराम करने पर राजी हो गए.
ट्रंप ने किया था सीजफायर का एलान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप ने मंगलवार यानी 24 जून को तड़के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर एक पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने दोनों देशों के बीच सीजफायर का एलान किया. राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर पर सहमति बन गई है. पहले ईरान हमले रोकेगा और उसके बाद इजरायल भी सीजफायर कर देगा. एक रिपोर्ट में कहा गया किस इजरायल ने शर्त रखी है. बता दें कि 13 जून की सुबह इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया. जवाबी कार्रवाई में ईरान ने भी इजरायल के कई शहरों को निशाना बनाया. उसके बाद शनिवार रात अमेरिका भी इस युद्ध में कूद गया और ईरान की तीन परमाणु साइट्स पर हमला कर दिया.
किन शर्तों पर हुआ दोनों देशों के बीच युद्ध विराम
व्हाइट हाउस के मुताबिक, इजरायल ने सीजफायर की शर्त रखी है कि अगर ईरान फिर से कोई हमला नहीं करेगा, तभी इजरायल सीजफायर के लिए राजी हो जाएगा. इस पर ईरान ने भी हमला न करने का यकीन दिलाया था. इस बातचीत में राष्ट्रपति ट्रंप के अलावा अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो समेत कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने सीधे इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की और इजरायल ने सीजफायर पर सहमति जताई, हालांकि उसने शर्त रखी है कि ईरान की तरह से हमला रुकने के बाद ही सीजफायर पर सहमति बनेगी. वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों ने भी युद्ध विराम पर सहमति जताई की बात कही.
ये हो सकती है युद्ध विराम की सबसे बड़ी शर्त
वहीं दोनों देशों के बीच युद्ध विराम की प्रमुख शर्तों में ईरान का परमाणु कार्यक्रम भी है. अगर ईरान और इजरायल के बीच पूर्ण रूप से युद्ध विराम होता है तो इजरायल चाहेगा कि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम बंद कर दे. लेकिन ईरान शायद ही इस बात पर कभी राजी होगा. क्योंकि ईरान के परमाणु कार्यक्रमों के चलते ही इजरायल ने ईरान पर हमला किया था. इजरायल और अमेरिका को ईरान के इसी परमाणु कार्यक्रम से सबसे बड़ा खतरा है. क्योंकि ईरान हमेशा फिलिस्तीन का समर्थन करता रहा है और हमास-इजरायल के बीच जंग में भी ईरान ने कई बार उसे धमकी दी.
ये भी पढ़ें: 'आत्मसमर्पण करने वाला राष्ट्र नहीं है ईरान', अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद बोले अली खामेनेई
ये भी पढ़ें: 'ईरान-इजरायल मेरे पास आए और शांति की अपील की', सीजफायर के बाद डोनाल्ड ट्रंप का दावा