Taiwan Earthquake: ताइवान में मंगलवार तड़के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इस भूकंप से कई इमारतों में नुकसान की खबर है. बताया जा रहा है कि इस भूकंप के चलते 27 लोग घायल हुए हैं. भूकंप के झटके मंगलवार (21 जनवरी) को तड़के 1.30 बजे महसूस किए गए. भूकंप के ये झटके देश के दक्षिणी इलाके में महसूस किए गए. अमेरिकी भूगर्भिक सर्वेक्षण विभाग (USGS) ने भूकंप की पुष्टि करते हुए बताया कि ताइवान में आए भूकंप से 27 लोग घायल हुए हैं. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.4 दर्ज की गई.
यूजिंग शहर से 12 किमी दूर था भूकंप का केंद्र
बताया जा रहा है कि इस भूकंप का केंद्र ताइवान के युजिंग शहर से 12 किलोमीटर दूर उत्तर-दिशा में था. ताइवान के अग्निशमन विभाग के मुताबिक, सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घायलों में एक बच्चा शामिल है. इस दौरान ताइनान शहर के नानक्सी जिले में भूकंप से ध्वस्त हुए मकान के मलबे से भी कई लोगों को बाहर निकाला गया है. इस भूकंप के असर से स्टेट हाईवे पर बना झूवेई पुल के भी क्षतिग्रस्त होने की खबर है. हालांकि देश में कहीं से भी किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. भूकंप के ये झटके देश की राजधानी ताइपे में भी महसूस किए गए.
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भूकंप के काफी संवेदनशील है ताइवान
गौरतलब है कि ताइवान प्रशांत महासागर में रिंग ऑफ फायर पर स्थित है. जिसके चलते देश में अक्सर भूकंप के झटके आते रहते हैं. ताइवान 2 टेक्टोनिक प्लेटों के बीच बसा है, जिसके चलते देश भूकंप के सबसे संवेदनशील जोन में आता है. इसके साथ ही साल 2016 में भी ताइवान में जबरदस्त भूकंप आया था. जिसमें 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे. जबकि साल 1999 में आए 7.3 तीव्रता के भूकंप में कई इमारतें धरासाई हो गई थीं जिसमें 2000 लोगों की जान गई थी. यही वजह है कि ताइवान सरकार लोगों को समय-समय पर अलर्ट करती रहती है. इसीलिए वहां से लोग भूकंप जैसी आपदा से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं.
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7 जनवरी को तिब्बत में मची थी भूकंप से तबाही
बता दें कि इसी महीने की 7 तारीख को भारत समेत पड़ोसी देश नेपाल और तिब्बत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. तिब्बत में 6.8 तीव्रता के भूकंप के चलते कई मकान गिर गए थे. जिसके मलबे में दबकर 130 लोगों की मौत हुई थी जबकि कई लोग घायल भी हुए थे. इस विनाशकारी भूकंप ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के पास बसे शिजांग शहर को मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया था. ये इलाका चीन के कब्जे में है.
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