भारत के पड़ोसी पाकिस्तान में महंगाई का क्या आलम है, ये तो हर कोई जानता है. पाकिस्तान (Pakistan) में आटा, चावल, तेल और सब्जियों की कीमतें सच में आसमान छू रही है. इस दौरान, पाकिस्तान में रमजान (Ramzan) की धूम है. रमजान में चीनी की खपत बढ़ गई है, जिससे चीनी की कीमतों में बंपर इजाफा हुआ है. दरअसल, रमजान में चीनी की खपत तो ज्यादा हो रही है लेकिन आपूर्ति इतनी नहीं है. पाकिस्तान में चीनी वर्तमान में 180 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है.
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने कुछ दिन पहले ही चीनी की कीमतों में बढ़ोत्तरी की चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में चीनी की कीमतों को 164 रुपये प्रति किलो के ऊपर नहीं जानी चाहिए. हालांकि, खुदरा बाजारों में चीनी 180 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीनी की औसतन राष्ट्रीय कीमत 164 रुपये से 180 रुपये प्रति किलो के बीच है.
जमाखोरों पर कार्रवाई करने के बाद कीमत में मामूली गिरावट
कराची होलसेलर्स ग्रॉसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रउफ इब्राहिम ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 15 मार्च को चीनी जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने की घोषणा की थी. जिसके बाद कराची में चीनी की थोक कीमत 168 रुपये से घटकर 158 रुपये प्रति किलो हो गई है. चीनी की थोक कीमतों में 10 रुपये की मामूली गिरावट तो हुई लेकिन खुदरा कीमतों में कोई असर नहीं पड़ा. चीनी की खुदरा कीमतें, अब भी आसमान छू रही हैं.
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चीनी की कीमत को स्थिर करने में नाकाम हुई शहबाज सरकार
एसोसिएशन के अध्यक्ष इब्राहिम ने कहा कि पाकिस्तान की शहबाज सरकार चीनी की कीमतों को स्थिर करने और चीनी के भाव को 130 रुपये करने में नाकाम रही. सरकार चीनी की सप्लाई सुनिश्चित करने में भी नाकाम रही. पाकिस्तान में चीनी की बढ़ती कीमतों के कारण सबसे ज्यादा नुकसान खुदरा विक्रेताओं को हो रहा है. रही बात सरकार की तो वह बस चीनी मिलों पर आरोप ही मढ़ रही है, वह कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही है.
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