Earthquake Today: चीन में बुधवार तड़के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. जिससे लोग बुरी तरह से सहम गए. भूकंप के झटके आने के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए और घंटों खुले आसमान के नीचे खड़े रहे. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, चीन में बुधवार सुबह 4.2 तीव्रता का भूकंप आया. इस भूकंप का केंद्र जमीन के भीतर 10 किमी की गहराई में था. इसके बाद अभी और झटके आने की संभावना जताई गई है.
एनसीएस ने दी जानकारी
राष्ट्रीय भूकंप केंद्र ने चीन में आए इस भूकंप के बारे में जानकारी दी. एनसीएस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया. जिसमें एजेंसी ने बताया कि ये भूकंप बुधवार सुबह 4.43 बजे आया. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 दर्ज की गई. इस भूकंप का केंद्र 33.73 अक्षांश उत्तर और 81.99 देशान्तर पूर्व में जमीन के भीतर 10 किमी में था.
कम गहराई वाले भूकंप होते हैं खतरनाक
एनसीएस के मुताबिक, इस तरह के उथले भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक खतरनाक माने जाते हैं. क्योंकि पृथ्वी की सतह के नजदीक आने पर इनमें ज्यादा ऊर्जा निकलती है. इससे जमीन का कंपन अधिक होता है. ऐसे भूकंपों से इमारतों को ज्यादा नुकसान होता है और मरने वालों की संख्या भी बढ़ जाती है. जबकि जमीन के भीतर गहराई में आने वाले भूकंप से सतह पर कम कंपन होता है और नुकसान भी कम होता है.
बता दें कि भारत के एशिया के बाकी हिस्सों से टकराने की वजह से पश्चिमी चीन में भूकंपीय गतिविधि बढ़ी हैं. खास तौर पर तिब्बत और युन्नान, झिंजियांग, सिचुआन, गांसु और किंगहाई प्रांतों में बीते दिनों में कई बार धरती कांपी है. हालांकि, पूर्वी चीन की तुलना में इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व कम है. इन इलाकों में आमतौर पर परिवहन और भवन निर्माण के नियम भी खराब हैं. पूरे चीन में, खराब भवन निर्माण नियमों के कारण भूकंप से होने वाली क्षति और जानमाल की हानि बढ़ी है. पूर्वी चीन के उत्तरी क्षेत्र देश के पश्चिमी क्षेत्रों की तरह भूकंपीय रूप से सक्रिय नहीं हैं, लेकिन इस क्षेत्र में भूकंप आना अभी भी संभव है.
चीन में अब तक के सबसे विनाशकारी भूकंप
बता दें कि चीन में अब तक कई विनाशकारी भूकंप आ चुके हैं. जिनमें सैकड़ों लोगों की जान गई है. साल 1303 में हांगडोंग और 1556 में शानक्सी में 8.0 तीव्रता के भूकंप आए आ चुके हैं. जिनमें लाखों लोगों की मौत हो चुकी है. शानक्सी आए भूकंप में लगभग 8,30,000 लोग मारे गए थे, जिनमें से कई लोग लोएस बैंकों और चट्टानों में बने अपने भूमिगत घरों के ढहने से मर गए. जबकि 20वीं सदी में 1920 के हैयुआन भूकंप और 1950 में 8.6 तीव्रता के भूकंप में 2,73,400 लोग मारे गए थे, जो चीन में दर्ज किया गया सबसे बड़ा भूकंप था. जबकि साल 2008 में 8.0 तीव्रता के भूकंप ने सिचुआन में तबाही मचा दी थी जिसमें 87,587 लोग मारे गए थे.
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