ऑपरेशन सिंदूर में आपने S400 एयर डिफेंस सिस्टम का नाम काफी सुना होगा. यह रूस का एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसने पाकिस्तान के भेजे मिसाइल और ड्रोन को हवा में ही मार गिराया था. लेकिन रूस के पास इससे भी एडवांस सिस्टम S500 है जो वो भारत को बेचना चाहता है, लेकिन अब भारत इन महंगे मिसाइल सिस्टम को खरीदने की बजाय अपना खुद का एयर डिफेंस सिस्टम बना रहा है. भारत का यह हवाई कवच रूस के S500 से भी घातक होगा. ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पाकिस्तान की मिट्टी तो पलीत कर दी. पाकिस्तान के हवाई हमलों को हवा में ही राख कर दिया चार दिन के संघर्ष में पाकिस्तान को उसकी हैसियत तो याद दिला दी, लेकिन भारतीय सेना को एक बात समझ में आ गई है कि अगर कोई जंग लंबी खींची तो हम महंगे विदेशी हथियारों और तकनीक के भरोसे नहीं रह सकते.
यह खबर भी पढ़ें- चीन और पाकिस्तान की उड़ी नींद! अमेरिका भारत को दे रहा यह घातक हथियार, पलक झपकते ही दुश्मन को कर देता तबाह
स्वदेशी हथियार और डिफेंस सिस्टम
हमें चाहिए अपना स्वदेशी हथियार और डिफेंस सिस्टम. इसलिए भारत अब उस लेवल का हथियार बना रहा है जो अमेरिका और रूस के हथियारों को भी टक्कर दे सकता है. ऐसा ही एक हथियार है कुश मिसाइल सिस्टम. कुश रूस के S400 एयर डिफेंस सिस्टम का देसी अवतार है. ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने S400 का दम देखा. पाकिस्तान की मिसाइल और ड्रोंस हिंदुस्तान के सुदर्शन चक्र का चक्रव्यूह को तोड़ नहीं पाए. अब बारी है भारत के स्वदेशी सुदर्शन चक्र कुश की. कुश मिसाइल सिस्टम को डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन डीआरडीओ तैयार कर रहा है. अभी तक डीआरडीओ कुश एयर डिफेंस सिस्टम को S400 के खूबियों के मुताबिक ही बना रहा था, लेकिन अब डीआरडीओ कुश को रूस के सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम S500 से भी घातक बनाने जा रहा है.
यह खबर भी पढ़ें- 500 के नोट को लेकर बड़ा फैसला: ATM में क्या सिर्फ 100 और 200 के ही नोट मिलेंगे? RBI का बड़ा फैसला!
S500 जैसी क्षमता
तो अब सवाल ये उठता है कि इन क्षमताओं के साथ एक S500 लेने से कहीं बेहतर ये नहीं होगा कि हम दो-तीन S400 और ले लें तो जब इस तरह के कंफ्यूजन की स्थिति आती है तब सबसे बेहतर विकल्प यही होता है कि हम अपने इंडीजीनियस सिस्टम की तरफ जाएं, जो कि S500 जैसी क्षमता रखता हो और यह भी कोई आम सिस्टम नहीं है. इसको उस लैब में बनाया जा रहा है, उन वैज्ञानिकों द्वारा बनाया जा रहा है जिन्होंने भारत का बैलेस्टिक मिसाइल प्रोग्राम बना रखा है. दुनिया जानती है कि भारत के पास बैलेस्टिक मिसाइल की एक लंबी रेंज है. जब उन क्षमताओं को हम देखते हैं तो यह हमेशा एक बेहतर विकल्प रहेगा कि S500 की जगह हम इंडजीनियस कुशा प्रोग्राम की तरफ जाएं. उसको जल्द से जल्द अपनी सेना के साथ इंडक्ट करवाएं. डीआरडीओ के प्रोजेक्ट कुश को पीजीएलआर एसएम यानी प्रोग्राम लॉन्ग रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल भी कहते
मारक क्षमता को 600 कि.मी से ज्यादा तक बढ़ाई जाएगी
पहले फेज में कुश की मारक क्षमता 400 कि.मी तक होगी. दूसरे फेज में कुश की मारक क्षमता को 600 कि.मी से ज्यादा तक बढ़ाई जाएगी. 600 कि.मी से दूर हवा में टारगेट को मार करने की क्षमता रूस के S500 एयर डिफेंस सिस्टम में ही है. S500 हाइपरसोनिक मिसाइल्स और जेट को तबाह कर सकता है. यह पृथ्वी के वायुमंडल को पार कर स्पेस में भी मिसाइलों और जेट को उड़ा सकता है. भारत के कुछ एयर डिफेंस सिस्टम में भी यही ताकत होगी बल्कि S500 से बेहतर होगी.