खैबर पख्तूनख्वा में ये सख्त कदम उठाने जा रही शहबाज सरकार, इमरान खान की पार्टी पर पड़ेगा ये बड़ा असर

पाकिस्तान में इनदिनों भारी बवाल मचा हुआ है. ये बवाल तब शुरू हुआ जब पिछले सप्हात बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जेल में हत्या की खबर सामने आई. उसके बाद इमरान समर्थकों ने आदियाला जेल के बाहर डेरा डाल दिया.

पाकिस्तान में इनदिनों भारी बवाल मचा हुआ है. ये बवाल तब शुरू हुआ जब पिछले सप्हात बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जेल में हत्या की खबर सामने आई. उसके बाद इमरान समर्थकों ने आदियाला जेल के बाहर डेरा डाल दिया.

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Suhel Khan
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Imran Khan and Shahbaz Sharif

खैबर पख्तूनख्वा में ये सख्त कदम उठाने जा रही शहबाज सरकार Photograph: (Social Media)

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जेल में हत्या की खबर सामने आने के बाद पड़ोसी देश में भारी बवाल मचा हुआ है. जहां इमरान खान के समर्थक रावलपिंडी की आदियाला जेल के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं शहबाज सरकार इमारन खान की पार्टी को बड़ा झटका देने की तैयारी कर रही है. दरअसल, शहबाज सरकार ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में गर्वन शासन लगाने के संकेत दिए हैं. जहां फिलहाल इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (PTI) की सरकार है.

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खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में लग सकता है गर्वनर शासन

बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने खैबर पख्तूनख्वा में गवर्नर शासन का संकेत दिया है. पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार में मंत्री बैरिस्टर अकील मलिक ने इस बात के संकेत दिए हैं कि खैबर पख्तूनख्वा में गवर्न शासन लगाया जा सकता है. अकील मलिक का ये बयान तब सामने आया है जब खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

बता दें कि सोहेल समेत पीटीआई के ज्यादातर नेता इस समय जेल में बंद इमरान खान के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. अगर खैबर पख्तूनख्वा में गवर्नर शासन लगाया जाता है तो राज्य से इमरान खान की पार्टी पीटीआई की सरकार चली जाएगी. जिससे प्रांत में केंद्र का शासन आ जाएगा.

खैबर पख्तूनख्वा में गवर्नर शासन लगाना जरूरी- अकील मलिक

शहबाज शरीफ सरकार में मंत्री अकील मलिक ने पाकिस्तान के जियो न्यूज से बातचीत के दौरान कहा कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सुरक्षा और शासन संबंधी तमाम समस्याएं है. ऐसे में  प्रांत में गवर्नर शासन लगाना ठीक निर्णय है. उन्होंने कहा कि चीफ मिनिस्टर अफरीदी की सरकार पूरी तरह से फेल है. वह ना तो केंद्र के साथ कोई तालमेल रखना चाहते हैं और ना ही अपने प्रशासन से काम ले पा रहे हैं.

गवर्नर शासन लगाने पर विचार कर रही सरकार: मलिक

अकील मलिक ने आगे कहा कि खैबर पख्तूनख्वा में गवर्नर शासन एक संवैधानिक उपाय है. प्रांत की स्थिति खुद इस बारे में एक कदम उठाने की मांग करती है, जिससे प्रांत में प्रशासनिक संरचना की उपस्थिति को सुनिश्चित की जा सके. यही वजह है कि पाकिस्तान सरकार खैबर पख्तूनख्वा में गवर्नर का शासन लगाने पर विचार कर रही है.

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बता दें कि पाकिस्तान के किसी भी प्रांत में गवर्नर का शासन प्रधानमंत्री की सलाह पर संविधान के अनुच्छेद 232 और 234 के तहत लगाया जाता है. मलिक का कहना है कि संविधान के तहत गवर्नर का शासन शुरू में दो महीने के लिए लगाया जा सकता है. उसके बाद जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाया भी जा सकता है. उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा की पीटीआई सरकार पर रास्ते अवरुद्ध करने और प्रांत को देश के बाकी हिस्सों से काटने की योजना बनाने का भी आरोप लगाया.

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