क्या शहबाज सरकार ने मारी पलटी? डेडलाइन बीतने के बाद भी असीम मुनीर को नहीं मिला प्रमोशन, जानें वजह

पाकिस्तान के 27वें संविधान संशोधन के जरिए चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज का पद क्रिएट किए गया था. मगर डेडलाइन बीतने के बाद भी पाकिस्तान के सेना प्रमुख और फील्ड मार्शल असीम मुनीर को नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया.

पाकिस्तान के 27वें संविधान संशोधन के जरिए चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज का पद क्रिएट किए गया था. मगर डेडलाइन बीतने के बाद भी पाकिस्तान के सेना प्रमुख और फील्ड मार्शल असीम मुनीर को नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया.

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Mohit Saxena
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PAK Army Chief Asim Munir

पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर Photograph: (Social Media)

पाकिस्तान के सेना प्रमुख और फील्ड मार्शल असीम मुनीर अपने पद को लेकर भ्रमित हैं. चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) के तौर पर वे 29 नवंबर को अपना कार्यकाल खत्म करने वाले थे. इसके बाद उनकी चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) के नए पद पर ताजपोशी होने वाली थी. अभी तक इसके लिए पब्लिक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है. आपको बता दें कि इसके लिए हाल ही में पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार ने संविधान संशोधन के जरिए इस पद का गठन किया था. इस तरह की कवायद से असीम मुनीर को और ताकतवर बनाने का प्रयास हो रहा है. 

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2030 तक सीट होती है पक्की 

पाकिस्तान के 27वें संविधान संशोधन को लेकर इस बदलाव से जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) के पद को रद्द किया गया है. 27 नवंबर को आखिरी चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा के संग इस पद का अंत किया गया. इसके स्थान पर चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज जैसे एक ताकतवर पद को तैयार किया गया है. इस पद के आने के बाद मुनीर को 5 साल के तय समय के लिए रहना अनिवार्य है. इसका अर्थ होता कि असीम मुनीर की पोस्ट 2030 तक पक्की हो जाती. 2027 तक के उनके रिटायर्ड होने तारीख से तीन साल अधिक होती. 

नए संविधान संशोधन में सीडीएफ का पद पांच साल के लिए है. 27वें संविधान संशोधन पाकिस्तान आर्मी चीफ को बड़ी ताकत मिलने वाली है. इस पद से तीनों सेनाओं को संभालने का जिम्मा मिलता है. अभी तक नोटिफिकेशन जारी न होने से असीम मुनीर की संवैधानिक स्थिति को लेकर उहापोह के हालात हैं. 

नोटिफिकेशन में देरी  ये हो सकती है वजह 

ऐसा बताया जा रहा है कि नोटिफिकेशन जारी न होने की वजह तकनीकी खामी हो सकती है. यह पद तीनों सेनाओं के स्ट्रैटेजिक कमांड को कंट्रोल करता है. इस तरह से युद्ध के हालत में निर्देश मिलने में आसानी होती है. जानकारों का कहना है कि इस नोटिफिकेशन में देरी तकनीकी वजह हो सकती है. इसमें किसी तरह का खतरा सरकार की ओर से नहीं है. 

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pakistan Asim Munir
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