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कोरोना से लड़ने के लिए हर्ड इम्यूनिटी जैसा कुछ नहीं- WHO( Photo Credit : फाइल फोटो)
कोरोना को लेकर एक बार फिर WHO ने बुरे संकेत दिए है. WHO का कहना है कि कोरोना से लड़ने के लिए फिलहाल किसी भी देश में हर्ड इम्यूनिटी उत्पन्न नहीं हुई है. इसके साथ ही WHO ने उन देशों के दावों को भी सिरे से खारिज कर दिया है जो कोरोना के घटते मामलो के लिए अपने यहां लोगों में हर्ड इम्यूनिटी पैदा होने का दावा कर रहे थे. इसी के साथ संगठन ने ये भी बताया है कि देश में 20 से लेकर 40 साल तक के युवा संक्रमण फैला रहे हैं और उन्हें सावधानी बरतने की जरूरत है.
WHO ने कहा, हमें हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने की उम्मीद में नहीं रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि वैश्विक आबादी के रूप में हम कहीं भी उस स्थिति में नहीं है जो वायरस के प्रसार को रोकने में जरूरी है.
On herd immunity & epidemics:
“Humans are not herds...
Terms like this can lead to a brutal arithmetic that does not put people, life & suffering at the centre”Mike Ryan @DrMikeRyan of the @WHO
https://t.co/ezjSrkzEsX— Dr. Michelle Kelly-Irving (@shell_ki) May 12, 2020
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वैक्सीन एक मात्र रास्ता
WHO का कहना है कि हर्ड इम्यूनिटी का कोई समाधान नहीं है और न ही यह ऐसा कोई समाधान है जिसकी तरफ हमें ध्यान देना चाहिए. रिसर्च में यही पता चला है कि केवल 10 से 20 फीसदी आबादी में ही संबंधित एंटीबॉडीज हैं, जो लोगों को हर्ड इम्यूनिटी पैदा करने में सहायक हो सकते हैं. लेकिन कम एंटीबॉडीज से हर्ड इम्यूनिटी नहीं पाई जा सकती है. ऐसे में अब केवल वैक्सीन ही एक मात्र सहारा है.
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क्या है हर्ड इम्यूनिटी
हर्ड इम्यूनिटी का मतलब है कि अगर कोई संक्रमित बीमारी फैली है तो उसके खिलाफ आबादी के एक निश्चित हिस्से में इम्यूनिटी पैदा हो जाए जिससे बीमारी के खिलाफ लड़ पाए. इम्यूनिटी उन लोगों में पैदा होती है जो कोरोना से ठीक हो गए हैं. उनके शरीर में एक निश्चित मात्रा में एंटीबॉडी मौजूद है जो रोग से लड़ने में सहायक होती है.
Source : News Nation Bureau