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बाइडेन-पुतिन बातचीत से पहले रूस को US की वार्निंग, यूक्रेन पर हमला किया तो...

अमेरिका और यूरोपीय देशों ने यूक्रेन पर हमला करने की हालत में रूस के सबसे बड़े बैंक और अन्य विदेशी करेंसी पर प्रतिबंध लगाने की भी चेतावनी दी हुई है. पुतिन और बाइडेन की बैठक में अमेरिका बता सकता है कि यूक्रेन को भविष्य में नाटो की सदस्यता दी जा सकती है.

Updated on: 07 Dec 2021, 01:39 PM

highlights

  • यूक्रेन का आरोप- रूस ने सीमा के पास सैनिकों की तैनाती कायम रखी है
  • यूक्रेन को आशंका है कि रूस जनवरी के अंत में हमला कर सकता है
  • हालांकि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में जाने से इनकार किया है

New Delhi:

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ( Joe Biden) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ( Vladimir Putin) के बीच होने वाली बातचीत से ठीक पहले एक नया तनाव सामने आ गया है. दरअसल, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने रूस को कड़ी चेतावनी दी है. एंटनी ब्लिंकन ने ट्वीट कर कहा कि यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ आक्रमण को लेकर रूस को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. यूक्रेन की सीमा पर रूस के सैन्य बलों की मौजूदगी बढ़ने के कारण अमेरिका और रूस के बीच पिछले कुछ दिनों में तनाव गहरा हो गया है.

ट्विटर पर एंटनी ब्लिंकन ने लिखा, “रूस की आक्रामकता को लेकर मैंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से बात की है. मैं इस बात को दोहराता हूं कि यूक्रेन को अमेरिका का मजबूत समर्थन है. रूस की ओर से किसी भी तरह के आक्रामक रवैये का गंभीर परिणाम होगा.” इससे पहले भी ब्लिंकन ने कहा था कि अमेरिका अधिक प्रभावित करने वाला वित्तीय कदम यानी आर्थिक प्रतिबंधों के बढ़ाने जैसा उठाएगा, जिसे वह पहले उठाने से परहेज करता रहा है.
 
अमेरिका और यूरोपीय देशों ने यूक्रेन पर हमला करने की हालत में रूस के सबसे बड़े बैंक और अन्य विदेशी करेंसी पर प्रतिबंध लगाने की भी चेतावनी दी हुई है. एक सीनियर अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक पुतिन और बाइडेन की बैठक में अमेरिका यह साफ कर सकता है कि यूक्रेन को भविष्य में नाटो की सदस्यता दी जा सकती है.

क्या है यूक्रेन की बड़ी चिंता

बीते दिनों यूक्रेन ने आरोप लगाया था कि रूस ने उसकी सीमा के पास युद्ध अभ्यास करने के बाद हजारों की संख्या में सैनिकों की तैनाती कायम रखी है. इसके जरिए वह यूक्रेन पर और दबाव बना सकता है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने सोमवार को कहा कि रूस के किसी भी हमले से लड़ने में वह सक्षम हैं. यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने पिछले शुक्रवार को सांसदों को बताया कि यूक्रेन के पास और रूस द्वारा हड़पे गए हिस्से क्रीमिया में रूसी सैनिकों की संख्या 94,300 होने का अनुमान है. उन्हें आशंका है कि रूस अगले महीने यानी जनवरी के अंत में हमला कर सकता है. दूसरी तरफ अमेरिकी खुफिया अधिकारियों की ओर से इस संख्या को एक लाख 75 हजार तक भी बताया जा रहा है.

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अमेरिका और रूस की हैं ये दलीलें

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि उनका प्रशासन रूस के आक्रमण को रोकने के लिए व्यापक कदम उठा रहा है. बाइडन ने मीडिया से कहा था कि वह व्यापक और सार्थक कदम उठा रहे हैं. इसके पुतिन के लिए आगे बढ़ना और वह करना बहुत बहुत मुश्किल हो जाएगा जिसे लेकर लोग चिंतित हैं. हालांकि रूस ने युद्ध में जाने से इनकार किया है, लेकिन कहा है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों को यूक्रेन से अपना समर्थन वापस ले लेना चाहिए. 

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कैसी हुई अदावत की शुरुआत

रूस ने 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप को अपने देश में मिला लिया था और पूर्वी यूक्रेन में उभरे अलगावादी उग्रवाद को समर्थन दिया था. इन विद्रोहियों और यूक्रेन के बीच जारी संषर्घ में करीब 14,000 लोगों की मौत हो चुकी है. साल 2015 के बाद से यूक्रेन और रूस के बीच संबंध सबसे खराब स्थिति में है.