अब आतंकवाद से लड़ेगा तालिबान!... पड़ोसी देशों ने की अपील
तालिबान के प्रति लचीला रवैया अपनाने के बावजूद अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों में तालिबान राज को लेकर आशंका कम नहीं हुई है.
highlights
- अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों ने तालिबान सरकार से पाली बड़ी उम्मीदें
- जमीन का इस्तेमाल किसी भी आतंकी संगठनों को नहीं करने दे तालिबान
- महिलाओं-बच्चों के मानवाधिकारों की रक्षा समेत उदार दृष्टिकोण अपनाए
नई दिल्ली:
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान राज की वापसी पर पाकिस्तान समेत चीन (China) अभी तक सबसे लचीला रवैया अपनाए हुए हैं. यह अलग बात है कि दोनों ही तालिबान (Taliban) को लेकर सशंकित भी है. इसका पता पाकिस्तान की ओर से आहूत अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों की वर्चुअल बैठक के बाद जारी साझा बयान से लगता है. चीन, इरान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान ने एक संयुक्त बयान में तालिबान से समावेशी सरकार के गठन का आह्वान किया है. साथ ही अपील की है कि तालिबान अपनी अंतरिम सरकार के कार्यकाल में दाएश और अल-कायदा (Al-Qaeda) सरीखे आतंकी गुटों को अपनी जमीन पर पैर जमाने नहीं दे. यह इस बात का परिचायक है कि तालिबान के प्रति लचीला रवैया अपनाने के बावजूद अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों में तालिबान राज को लेकर आशंका कम नहीं हुई है.
तालिबान सरकार बनाए उदार नीतियां
अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों ने साझा बयान में तालिबान से उदार नीतियां बनाने का आग्रह किया है. बयान के मुताबिक वर्चुअल बैठक में समावेशी और स्वतंत्र विचारों को तरजीह देने वाली सरकार बनाने पर जोर दिया गया. इन देशों ने उम्मीद जताई है कि तालिबान एक ऐसी सरकार का गठन करेगा, जो आंतरिक और वाह्य नीतियों को उदारवादी दृष्टिकोण से अपनाएगा. खासकर अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों को लेकर उसकी नीतियां मित्रवत रहेंगी. इसके साथ ही तालिबान से परस्पर शांति, सुरक्षा और दीर्घकालीन समृद्धि के मद्देनजर नीतियां बनाने का आह्वान किया है. यह भी अपील की गई है कि तालिबान जातीय समूहों समेत महिलाओं और बच्चों के मानवाधिकारों की रक्षा भी करेगा.
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तालिबान से आतंक पर रोक लगाने की उम्मीद
इसके साथ ही तालिबान से यह भी आग्रह किया गया है कि उनकी सरकार अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी आतंकी संगठन को नहीं करने दें. इस कड़ी में अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों ने आईएसआईएस, अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, बीएलए, जोन्दोल्लाह, ईटीआईएम समेत अन्य आतंकी संगठनों का खासतौर से नाम लिया है. अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों ने बैठक में अफगानिस्तान की संप्रभुत्ता का सम्मान करते हुए उसके आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने का भी आश्वासन दिया है. इसके साथ उन्होंने साझा बयान में कहा है कि अफगानिस्तान का भविष्य तय करने का अधिकार अफगानियों को ही है. इसके लिए तालिबान सरकार को संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र के अनुरूप नीतियां बना आगे का रास्ता तय करना होगा.
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तालिबान ने भी उम्मीदों पर खरा उतरने की बात की
अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के इस साझा बयान पर तालिबान ने भी समग्र विश्व और क्षेत्रीय देशों के साथ कदम-ताल मिलाने की बात कही है. तालिबान के एक शीर्ष अधिकारी अब्दुल हक इमाद ने कहा है कि तालिबान किसी को भी अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंक फैलाने के लिए नहीं करने देगा. इसके साथ ही जो उम्मीदें पड़ोसी देश तालिबान से कर रहे हैं, उस पर पूरी ताकत से खरा उतरने के प्रयास किए जाएंगे. इसके साथ ही वर्चुअल बैठक में यह भी तय किया गया कि तालिबान सरकार और पड़ोसी देशों की बैठक नियमित अंतराल पर होगी. बैठक में तय हुआ है कि इस तरह की अगली बैठक तेहरान में होगी.
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