तालिबान का असली चेहरा आया सामने, गर्भवती पुलिसकर्मी को उतारा मौत के घाट
बानू नेगर नाम की महिला की हत्या मध्य घोर प्रांत की राजधानी फिरोजकोह में परिजनों के सामने घर में कर दी गई. गोली मारकर गर्भवती महिला की हत्या कर दी. ये तालिबान का असली चेहरा है.
highlights
- तालिबान ने गर्भवती महिला को मारी गोली
- घरवालों के सामने गर्भवती पुलिसकर्मी को उतारा मौत के घाट
- तालिबान ने घटना से किया इंकार,कहा-जांच की जा रही है
नई दिल्ली :
अफगानिस्तान पर फिर से कब्जा करने वाला तालिबान भले ही यह कहता नजर आ रहा है कि वो बदल गया है. वो पहले वाला तालिबान नहीं है. लेकिन उसके कथनी और करनी में अंतर सामने आने लगा है. महिलाओं के लिए खौफ का पर्याय तालिबान का चरित्र नहीं बदला है. इसकी बानगी है एक गर्भवती महिला पुलिसकर्मी की हत्या. तालिबान आतंकवादियों ने महिला पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी. स्थानीय मीडिया के मुताबिक बानू नेगर नाम की महिला की हत्या मध्य घोर प्रांत की राजधानी फिरोजकोह में परिजनों के सामने घर में कर दी गई. गोली मारकर गर्भवती महिला की हत्या कर दी. ये तालिबान का असली चेहरा है.
घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, क्योंकि फिरोजकोह में कई लोग बोलते हैं तो प्रतिशोध का डर होता है. लेकिन तीन सूत्रों ने बीबीसी को बताया है कि तालिबान ने शनिवार को बानू नेगर को उसके पति और बच्चों के सामने ही पीट-पीट कर मार डाला.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि रिश्तेदारों ने एक कमरे के कोने में दीवार पर खून के छींटे और एक शरीर दिखाते हुए ग्राफिक चित्र दिए, जिसमें चेहरा बुरी तरह से विकृत हो गया था. परिवार का कहना है कि स्थानीय जेल में काम करने वाली बानू आठ महीने की गर्भवती थी.
रिश्तेदारों का कहना है कि शनिवार को तीन बंदूकधारी घर पहुंचे और परिवार के सदस्यों को बांधने से पहले उसकी तलाशी ली. एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि घुसपैठियों को अरबी बोलते हुए सुना गया.
वहीं, तालिबान ने बीबीसी को बताया कि नेगर की मौत में उनकी कोई संलिप्तता नहीं है और वे इस घटना की जांच कर रहे हैं. प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, हम घटना से अवगत हैं और मैं पुष्टि कर रहा हूं कि तालिबान ने उसे नहीं मारा है, हमारी जांच जारी है.
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उन्होंने कहा कि तालिबान ने पहले ही पिछले प्रशासन के लिए काम करने वाले लोगों के लिए माफी की घोषणा कर दी थी, और नेगर की हत्या को व्यक्तिगत दुश्मनी या कुछ और में डाल दिया.
बता दें कि तालिबान युग में महिलाओं के लिए कई नियम पहले बनाए गए थे. अब एक बार फिर से अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत आ गया है. ऐसे में महिलाओं के लिए फिर से जीना मुश्किल होने वाला है.
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