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Mullah Abdul Ghani Baradar( Photo Credit : ANI)
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Mullah Abdul Ghani Baradar( Photo Credit : ANI)
अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के करीब 20 दिन बाद तालिबान अब सरकार बनाने की तैयारी में है. इस सरकार की लीडरशिप तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के हाथों में होगी. इसके अलावा तालिबान के मुखिया अखुंदजादा को संरक्षक या सुप्रीम लीडर जैसा कोई पद मिल सकता है. मुल्ला बरादर तालिबान के कतर स्थित राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख रह चुके हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट की मानें तो तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बाद स्तेनकजई तालिबान सरकार में वरिष्ठ पद संभालेंगे. इस्लामवादी समूह के सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि मुल्ला अब्दुल गनी बरादर एक नई अफगान सरकार का नेतृत्व करेंगे, जिसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी. टोलो न्यूज ने बताया कि तालिबान पंजशीर घाटी में विद्रोही लड़ाकों से जूझ रहा है और आर्थिक पतन को रोकने के लिए प्रयास कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख बरादर के साथ तालिबान के दिवंगत सह-संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और वरिष्ठ पदों पर शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई शामिल होंगे.
पाकिस्तान ने भी माना, संकट में अफगानिस्तान, लेकिन अपने लिए बताया लंबे इंतजार के बाद आया 'मौका' पाकिस्तान को तालिबान राज का इंतजार इसलिए था ताकि वह अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर सके और तालिबान को कंट्रोल करने के नाम पर अमेरिका से आर्थिक मदद हासिल कर सके। कुरैशी ने इसे पाकिस्तान के लिए मौका बताते हुए कहा कि इससे पाकिस्तान को वह पाने का मौका मिला है, जिसके लिए वह लंबे समय से कोशिश कर रहा है. ISIS खुरासान के अफगान और पाकिस्तान में मौजूद हैंडलर्स ने भारत में अपने स्लीपर सेल से संपर्क किया है.
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भारत में मौजूद आतंकियों को IED और छोटे हथियारों के लिए फंड का भरोसा दिया गया है, ISIS खुरासान की कश्मीर को लेकर भी बड़ी साजिश. ISIS खुरासान के 3 बड़े आतंकी असलम फारूकी अखुंदज़ादा, मुंसिब और एजाज़ अहंगर लश्कर और जैश के संपर्क में हैं, ISIS खुरासान ने लश्कर और जैश के साथ मिलकर कश्मीरी युवाओं को भड़काना शुरू किया है , अफ़ग़ानिस्तान की जेल से तालिबान राज के बाद छूटे है ये आतंकी.
Source : News Nation Bureau