तालिबान ने पंजशीर पर किया कब्जे का दावा, अब पूरे अफगानिस्तान में तालिबानी राज!
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद पंजशीर में लड़ाई लड़ रहे तालिबान ने शुक्रवार को बड़ा दावा किया है. तालिबान की ओर से एक बयान में बताया गया कि पंजशीर पर भी उसका कब्जा हो गया है,
नई दिल्ली:
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद पंजशीर में लड़ाई लड़ रहे तालिबान ने शुक्रवार को बड़ा दावा किया है. तालिबान की ओर से एक बयान में बताया गया कि पंजशीर पर भी उसका कब्जा हो गया है, जिसके बाद पूरा अफगानिस्तान अब तालिबान नेतृत्व के अधीन हो गया है. तालिबानी लड़ाकों ने फायरिंग कर पंजशीर पर कब्जे का जश्न मनाया. तालिबान ने अपने दावे में कहा कि हार के बाद अमरुल्लाह सालेह और अहम मसूद ने पंजशीर छोड़ दिया है और वो तजाकिस्तान चले गए हैं. वहीं, अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने तालिबान के दावे को गलत बताया है. सालेह ने तालिबान के दावे के तुरंत बाद एक वीडियो जारी कर कहा कि मेरे तजाकिस्तान जाने की खबर गलत है. मैं पंजशीर में ही अपने कमांडर्स के साथ मौजूद हूं. सालेह ने कहा कि लड़ाई में दोनों ओर से ही नुकसान हुआ है.
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आपको बता दें इससे पहले तालिबान ने पंजशीर में आगे बढ़ने का दावा किया था. तालिबान का कहना था कि उसने विपक्षी बलों के 11 चौकियों के साथ शुतुल जिले के केंद्र पर कब्जा कर लिया है. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के एक सदस्य इनामुल्ला समांगानी ने कहा कि जारी संघर्ष में विपक्षी बलों के 34 सदस्य मारे गए. तालिबान ने ऑनलाइन एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि उनकी सेना शुतुल जिले में आगे बढ़ गई है. समांगानी ने कहा, "पिछली रात के अभियान और पंजशीर के शुतुल जिले में आज सुबह हुई झड़पों में विपरीत दिशा में भारी संख्या में लोग मारे गए हैं." हालांकि, अहमद मसूद के प्रति वफादार बलों ने आंकड़ों को खारिज कर दिया और दावा किया कि तालिबान को भारी नुकसान हुआ है.
विपक्षी मोर्चे के एक प्रवक्ता फहीम दशती ने कहा कि पिछले चार दिनों में हुई झड़पों में 350 तालिबानी मारे गए और कम से कम 290 अन्य घायल हो गए. तालिबान ने इन आंकड़ों को खारिज किया है. दशती ने कहा, "कल रात तालिबान ने जबल सिराज पहाड़ों के रास्ते शुतुल जिले में घुसने की कई कोशिशें कीं, लेकिन उनके प्रयास विफल रहे, उनके शव युद्ध के मैदान में रह गए और वे केवल 40 शव अपने साथ ले गए." एक विश्लेषक ने कहा कि इस तरह की झड़पों से किसी भी पक्ष को कोई फायदा नहीं होगा और तालिबान और मसूद के तहत बलों के बीच बातचीत फिर से शुरू करने की जरूरत है. एरियाना न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पंजशीर प्रांत के प्रवेश द्वार गुलबहार में गुरुवार को तालिबान और प्रतिरोधी बलों के बीच झड़पें हुईं और दोनों पक्षों ने भारी और हल्के हथियारों का इस्तेमाल किया.
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