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स्वेज नहर में लग गया लंबा जाम, फंसा विशालकाय कार्गो जहाज

जहाज का अगला हिस्सा नहर की पूर्वी दीवार को छू रहा है, जबकि इसका पिछला हिस्सा पश्चिमी दीवार के काफी करीब है.

Updated on: 25 Mar 2021, 10:44 AM

highlights

  • स्वेज नहर में कार्गो कंटेनर शिप के फंसने से लगा भीषण जाम
  • जहाज को सीधा करने में लग सकते हैं कम से कम दो दिन
  • 2018 में बने जहाज की लंबाई 400 मीटर और चौड़ाई 59 मीटर 

दुबई:

अभी तक आपने सड़कों पर लगने वाले मीलों लंबे जाम (Jam) के ही बारे में सुना होगा, लेकिन मंगलवार को मिस्र की स्वेज नहर (Suez Canal) में एक विशालकाय कार्गो कंटेनर शिप के फंसने से भीषण जाम लग गया. यहां तक कि अधिकारियों को चेतावनी जारी करनी पड़ी है कि अगर इसे जल्द नहीं हटाया गया तो इस रास्ते से होने वाली वैश्विक आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. मरीनट्रैफिकडॉटकॉम के मुताबिक जहाज का अगला हिस्सा नहर की पूर्वी दीवार को छू रहा है, जबकि इसका पिछला हिस्सा पश्चिमी दीवार के काफी करीब है. कई सारे छोटे जहाज इसके चारों ओर इकट्ठा हो गए हैं और इसे आगे की ओर खींचने का प्रयास कर रहे हैं. एवर गिवन जहाज नीदरलैंड (Netherlands) के रोटर्डम के लिए रवाना हुआ था. गौरतलब है कि स्वेज नजर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है. इस मार्ग के जरिये एशिया से यूरोप जाने वाले जहाजों को अफ्रीका घूमकर नहीं जाना पड़ता है.

तेज हवा और रेतीला तूफान बना वजह
स्वेज नहर में जाम की वजह बने जहाज एमवी एवर गिवन पर पनामा का झंडा लगा है. ये जहाज एशिया और यूरोप के बीच व्यापार करता है. अभी तक इस बात का पता नहीं चला है कि जहाज नहर में कैसे फंसा. एवरग्रीन मरीन कॉ‌र्प्स नामक ताइवान की एक शिपिंग कंपनी इस जहाज का संचालन करती है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि जहाज ने जब लाल सागर से स्वेज नहर में प्रवेश किया तो उसी दौरान इसे तेज हवा का सामना करना पड़ा. मिस्त्र के एक अधिकारी ने भी कहा कि जहाज के नहर में फंसने की वजह तेज हवा है. मंगलवार को इस इलाके में तेज हवाएं चल रही थीं और रेतीला तूफान आया था. इस दौरान 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं. एवर गिवन का प्रबंधन करने वाले बर्नहार्ड शुल्त ने कहा कि जहाज में सवार चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं. अभी तक किसी के घायल होने की खबर नहीं है. 

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जहाज सीधा करने में लग सकते हैं दो दिन 
मिस्त्र के अधिकारियों ने बताया छोटे जहाजों से एवर गिवन को सीधा करने में दो दिन का समय लग सकता है. स्वेज शहर के पास नहर के दक्षिणी मुहाने के पास ये जहाज फंसा हुआ है. यहां जहाजों के लिए सिंगल लेन है. कैंपबेल यूनिवíसटी में प्रोफेसर आर मर्कोग्लियानो ने कहा, जहाज के फंसे होने से भूमध्य सागर और लाल सागर के बीच होने वाले व्यापार में खासा नुकसान हो सकता है. हर दिन स्वेज नहर से 50 मालवाहक जहाज गुजरते हैं. नहर के बंद होने से कोई भी जहाज उत्तर से दक्षिण की ओर नहीं जा पाएगा.

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2018 में बना जहाज 400 मीटर लंबा 
2018 में बने इस जहाज की लंबाई 400 मीटर और चौड़ाई 59 मीटर है. ये दुनिया के कुछ सबसे बड़े मालवाहक जहाजों में से एक है. इस पर एक बार में 20 हजार कंटेनर्स को लादा जा सकता है. 1869 में खुली स्वेज नहर तेल, प्राकृतिक गैस और कच्चे माल को पूर्व से पश्चिम की ओर ले जाने वाले मार्गो में से एक है. दुनिया का 10 फीसदी व्यापार इसी रास्ते से होता है. इसके जरिये मिस्र के राजस्व में बड़ा योगदान होता है.