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Sudan Crisis:  कोल्डड्रिंक और कैंडी समेत इन चीजों के बढ़ने वाले हैं दाम! सूडान संकट से कनेक्शन

Sudan Crisis: सूडान संकट का असर अब पूरी दुनिया पर पड़ता नजर आ रहा है. इसका सबसे बड़ा असर गम अरेबिक की सप्लाई पर पड़ रहा है. आपको बता दें कि गम अरेबिक सूडान में पैदा होने वाले सबसे महंगे उत्पादों में से एक है

Updated on: 01 May 2023, 09:30 PM

New Delhi:

Sudan Crisis: सूडान संकट का असर अब पूरी दुनिया पर पड़ता नजर आ रहा है. इसका सबसे बड़ा असर गम अरेबिक की सप्लाई पर पड़ रहा है. आपको बता दें कि गम अरेबिक सूडान में पैदा होने वाले सबसे महंगे उत्पादों में से एक है. सूडान पूरी दुनिया को गम अरेबिक एक्सपोर्ट करता है. गम अरेबिक का इस्तेमाल कोल्डड्रिंक, कॉस्मेटिक उत्पाद से लेकर कैंडी तक बनाने में किया जाता है. ऐसे में सूडान संकट की वजह से सप्लाई चेन में आई बाधा के कारण इन उत्पादों के दामों में बढ़ोत्री हो सकती है.

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आखिर क्या है गम अरेबिक?

दरअसल, गम अरेबिक एक चिपकने वाला पदार्थ है. इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल फार्मास्यूटिकल्स, स्याही और मिष्ठान समेत अन्य उत्पादों के निर्माण में किया जाता है. क्योंकि दक्षिण सूडान में गम उत्पादन सबसे ज्यादा होता है, इसलिए इसको गम का अफ्रीका भी कहा जाता है. गम एक विशेष तरह के बबूल के पेड़ से निकाला जाता है और इस तरह के पेड़ सूडान में ही पाए जाते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर बबूल की छाल में टैनिन प्रचुर मात्रा में पाई जाता है. टैनिन का प्रयोग फार्मास्यूटिकल्स, डाई व स्याही बनाने में किया जाता है. 

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कीमत तीन हजार डॉलर

आपको बता दें कि सूडान में बबूल के पेड़ों से गम निकालना खानाबदोश लोगों का काम है. ये लोग पेड़ों से लाल रंग का गोंद निकालते हैं. जिसके बाद इस गोंद को पूरी तरह से रिफाइन किया जाता है. रिपोर्ट के अनुसार यहां हजारों की तदाद में परिवार गोंद के व्यापार से ही अपना गुजर बसर करते हैं. इसकी कीमत तीन हजार डॉलर प्रति टन के आसपास होती है.