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पाकिस्तानी मंत्री का शर्मनाक बयान, कहा- सरकारी कर्मचारियों पर ट्रायल के लिए छोड़ा आंसू गैस

इस बयान के चलते शेख राशिद एक बार फिर से मीडिया की सुर्खियों में छाए हैं. दरअसल पिछले काफी दिनों से पाकिस्तान सरकार की नीतियों के खिलाफ उनके देश के ही सरकारी कर्मचारी लगातार सरकार का विरोध कर रहे हैं.

Updated on: 15 Feb 2021, 09:16 AM

highlights

  • आए दिन विवादित बयान देते हैं शेख राशिद
  • भारत को दी थी पाव-पाव भर के परमाणु बम की धमकी
  • राम मंदिर को लेकर पीएम मोदी पर बोला था हमला

 

नई दिल्ली:

पाकिस्तान सरकार के मंत्री शेख राशिद अहमद लगातार अपने विवादित बयानों के चलते मीडिया की सुर्खियों में बने रहते हैं. अभी ताजा मामला पाकिस्तान का ही है जहां फिर उन्होंने प्रदर्शन कर रहे सरकारी कर्मचारियों को लेकर एक और विवादित बयान दे दिया है. इस बयान के चलते शेख राशिद एक बार फिर से मीडिया की सुर्खियों में छाए हैं. दरअसल पिछले काफी दिनों से पाकिस्तान सरकार की नीतियों के खिलाफ उनके देश के ही सरकारी कर्मचारी लगातार सरकार का विरोध कर रहे हैं. पाकिस्‍तान में डेमोक्रेटिक मूवमेंट की रैलियों के बाद अब सरकारी कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शनों ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी  हैं. इस दौरान जब पाक सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर आंसूगैस के गोले छोड़ दिए हैं तो पाकिस्तानी मंत्री शेख राशिद अहमद ने प्रदर्शनकारियों पर छोड़े गए आंसू गैस पर बहुत ही बेहूदा बयान दे दिया. 

पाकिस्तानी मंत्री ने अपने ही देश के सरकारी कर्मचारियों को जो कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे उन पर आंसू गैस का इस्तेमाल किए जाने के बाद बहुत ही शर्मनाक बयान दिया है. शेख राशिद ने कहा कि, आंसू गैस के ये गोले काफी समय से इस्‍तेमाल नहीं किए गए थे, लिहाजा ये जरूरी था कि इन्‍हें टेस्‍ट किया जाए. पाकिस्‍तानी अखबार द डॉन के अनुसार रावलपिंडी में एक समारोह के दौरान पाकिस्तानी मंत्री शेख राशिद ने पाकिस्तान के कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन की बात करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों पर काफी कम संख्‍या में आंसू गैस का प्रयोग किया गया था. 

राम मंदिर को लेकर पीएम मोदी पर किया था कमेंट
अयोध्‍या में राम मंदिर भूमिपूजन पर पाकिस्‍तान को तीखी मिर्ची लगी है. पाकिस्‍तान के बड़बोले रेल मंत्री शेख राशिद ने कहा था कि भारत अब धर्मनिरपेक्ष देश नहीं रहा बल्कि राम नगर में तब्‍दील हो गया है. राशिद ने कहा कि पुराने समय के धर्मनिरपेक्ष देश अब दुन‍ियाभर में खत्‍म हो गए हैं और भारत अब 'श्रीराम के हिंदुत्‍व' का देश बन गया है. राशिद ने कहा कि पाकिस्‍तान अयोध्‍या में राम मंदिर के निर्माण की पाकिस्‍तान कड़ी निंदा करता है. उन्‍होंने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 साल पहले अयोध्‍या यात्रा के दौरान अपना इरादा जता दिया था. राशिद ने कहा कि मोदी ने जानबूझकर राम मंदिर भूमिपूजन के लिए ऐसा दिन चुना है जब कश्‍मीर में आर्टिकल 370 को खत्‍म करने के एक साल पूरे हो रहे थे.

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मोदी के नाम लेते ही रशीद को लगा था बिजली का झटका उड़ा था मजाक
पाकिस्‍तान के रेल मंत्री ने कहा कि प्रत्‍येक हिंदू नेता ने बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर राजनीति की है. शेख रशीद उन दिनों सुर्खियों में आए थे जब पिछले साल पीएम मोदी की आलोचना करते समय बिजली के जोरदार झटके का शिकार हो गए थे. बिजली झटका लगते ही शेख रशीद डर गए थे और उन्‍होंने बीच में ही अपना भाषण रोक दिया था. बाद में उन्‍होंने स्थिति को संभालते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी उनके जलसे को नाकाम नहीं कर सकते हैं.

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रशीद ने दी थी पाव भर के परमाणु बम से हमले की धमकी
जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने के बाद भारत को गीदड़भभकी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान के पास पाव-पाव भर के परमाणु बम हैं जिससे वह भारत पर हमला कर सकता है. पाकिस्तान के रेल मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, '126 दिन धरने में शामिल था, उस वक्त मुल्क के हालात और सरहदी मामलात ऐसे नहीं थे. यह सीरियस थ्रेट है इस मुल्क को और ये जंग खौफनाक हो सकती है। ये कन्वेंशनल आर्म नहीं होगी. जो अक्ल के अंधे ये समझ रहे हैं कि 4-6 दिन टैंक, तोपें चलेंगी या हवाई जहाज, एयर अटैक होंगे या नेवी के गोले चलेंगे... नो वे.

सरकार ने मानी प्रदर्शनकारियों की बात
आपको बता दें कि अखबार की खबर के मुताबिक पाकिस्तान के सरकारी कर्मचारियों की ये रैली शनिवार को हुई थी जिसमें विरोध करने वाले लोगों को तितर-बितर करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने उनके ऊपर करीब एक हजार आंसू गैस के गोले दागे थे. आपको बता दें कि पाकिस्तान के प्रदर्शनकारी सरकार से अपनी सैलरी में मंहगाई के मुताबिक इजाफा करने की मांग कर रहे थे. ये प्रदर्शन ऑल गवर्मेंट एंप्‍लॉइज ग्रांड एलाइंस के नेतृत्‍व में किया गया था. उनका कहना था कि वो तब तक सचिवालय के बाहर बैठे रहेंगे जब तक सरकार इस पर सही फैसला नहीं ले लेती है. हालांकि बाद में पाकिस्तान सरकार ने इन प्रदर्शनकारियों की मांगों को मान लिया.